Swadhinta Balekarmkar  
8.3k Followers · 63.5k Following

Author of Azaad khyal
-https://www.amazon.in/dp/B0989NMBW7?ref=myi_title_dp
Joined 25 January 2020


Author of Azaad khyal
-https://www.amazon.in/dp/B0989NMBW7?ref=myi_title_dp
Joined 25 January 2020
7 JAN AT 13:05

छुपा रख्खा है एक गहरा राज इन वादियों ने,
कोई किस्सा नहीं पुरी दास्ताँ कैद है
यहाँ...

-


7 JAN AT 12:58

सांजवेळी पैल तीरावरी
निळासावळा झरा वाहतो,
त्या झऱ्या काठी एक
कवी मग कल्पनांच्या
विश्वात राहतो..

-


20 JUL 2021 AT 11:49

आम आदमी की जिंदगी जंहा किश्तों में कट रही,
की महंगाई में भी खुद्दारी वंहा कौड़ियों के दाम में बिक रही...।।

-


7 JUL 2021 AT 17:33

Ek ladki gym mein as a receptionist job kar rahi thi. Tab kisine usase kanha tha you are nothing but a zero.Uski is bat par us ladki ne bas ek halki si smile di.
One year later..
She replied him on her facebook post "Thank you for realizing me the value of zero".

-


6 JUL 2021 AT 22:43

Dream comes true.

-


27 MAY 2021 AT 16:43

"घर"

अपने सपनों के लिए आये थे कभी इस शहर,
की यह शहर, यह ऊंची इमारत के मकान मुझे अपनाते नहीं हैं,
जो छोड़ आये थे वह गाँव, वह गली,वह घर,
ना जाने वह मुझे क्यूँ भुलाते नहीं हैं,

कि मानों बीते दिनों की खुशबू से दरो-दीवारों महकती हो जैसे,
कि वह बस एक घर नहीं, यादों का पिटारा हो जैसे,
दादी के लिए मेरे दादा की आखरी निशानी हो जैसे,
बाबा का बचपन, माँ की पहली रसोई और हम सबकी पूरी ज़िंदगानी हो जैसे,

वह मिट्टी के बर्तनों में चूल्हे का खाना,
वह खुले आसमाँ के नीचे खटिया पर बिस्तर लगाना,
हाँ! यह बस ईंट और मिट्टी की दीवारें नहीं, नीव है मेरे परिवार की,
कि उलझ गईं हूँ जद्दोजहद में, सोचती हूँ कि मुनासिब होगा अब वापस लौट जाना..!!

-


11 MAR 2021 AT 9:34

Dream book

-


2 MAR 2021 AT 17:07

"सत्य"

जीवन का सार हूँ मैं,
धर्म का आधार हूँ मैं,
लाख छुपालो मुझको तुम,
ना मिट सकेगा कभी वह सत्य हूँ मैं,

मैं अंत हूँ , मैं आरंभ भी,
मैं शाश्वत हूँ , मैं प्रारंभ भी,
प्रमाण क्या मांगते हो मेरा?
मैं अटल हूँ ,मैं अनंत भी,

इस कलयुग में
झूठ सहज सबको स्वीकार,
सत्य बिन प्रत्यय स्वीकार नही,
पर सत्य तो अनश्वर है,
इस से झूठ को भी इंकार नही...।

-


9 FEB 2021 AT 19:14

"कुछ तो लोग कहेंगे"

लोग क्या कहेंगे
तुम मुस्कुरा दो किसी को देख कर तो तुम्हे बेशर्म कहलाएंगे,
और बिना मुस्कुराए गए तो उसे तुम्हारी अकड़ बताएंगे,
तुम घर के काम करो तो बाप के पैसों पर ऐश ठहराएंगे,
और करो अपने मर्जी से बाहर काम तो तुम्हारे काम को छोटा कह तुम्हे तुम्हारी औकात दिखाएंगे,
पर क्या तुम्हारे घर को यह लोग चलाने आएंगे,
बस इधर उधर की बातें कर अपना जी बहलाएँगे,
जिन्हें खुद का कुछ पता नही वो क्या तुम्हें सही या गलत सिखाएंगे,
बात बस इतनी सी है
कुछ तो लोग कहेंगे
लोगों का क्या है उन्हें कहने
दो,
यह जिंदगी तुम्हारी है
तुम जैसे हो खुदको वैसे ही रहने दो...।

-


27 APR 2021 AT 17:56

My facebook id - Swadhinta Balekarmkar

My instagram personal id-swadhinta_balekarmkar

My instagram official I'd -swadhinta_azaadkhayal

Please follow me here

-


Fetching Swadhinta Balekarmkar Quotes