काश! तुम इजाजत देती
तेरे जुल्फों को संवारने की
मैं और भी उलझा देता उनको, और तुम मुस्कराती
मैं आइना लाके देता तेरे हाथों में, ये कह कर की
मेरे चांद को देख लो आइने में
तुम ही दर्पन हो मेरे, कह कर, तुम हौले से शरमाती
मैं कहता, ए मेरी धरकन, तुम्हें देखते ही रहने को
दिल चाहता है,, तुम मेरे और पास आ जाती
मैं कहता तेरे आंखों पे काजल बहुत अच्छा लगता है
तुम आंखों से काजल ले, मेरे कान के पिछे लगाती
मैं तुम्हें अपनी बांहों में लेकर, सीने से लगा लेता,
काश! तुम इजाजत देती.........
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महसूस तो करो, मुझे इश्क है तुम्ही से
जगह जिंदगी में अपनी ना सही, एक लम्हा तो दो
पास आके एक बार मेरा नाम, अपने होठों से तो लो
तुझे फुर्सत नहीं, मुझसे मिलने की, इतना तो कह दो
मैं तेरी हो गई, तुम मेरे हो ना हो
मैं रंगती जा रही, तेरे ही रंग में
महसूस तो करो, मुझे इश्क है तुम्ही से.....
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मेरा ख्वाब कब पूरा होगा
मैं होउंगी उसकी बांहों में
और आसमां पर टूटता तारा होगा
मैं मन्नतें मांगूगी पर उसमें जिक्र उसका होगा
मेरी सांसे थमने भी लगे ना, मुझे फिक्र उसका होगा
कब तुम मुझे वो हसीन लम्हा तोहफे में दोगे
मूझे, आसमां से पूछना था..…..
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उसके साथ चार कदम चलने का असर है
अब उसके बिना लगता सूना, पूरा शहर है
मुझे नींद ना आई सारी रात, जबसे मस्तानी
हवा ने कहा कि मैं उससे ही मिल के आ रही हूँ
वो तेरे हाल - ए- दिल से बेखबर है... 😒
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शहर जैसे की
उसकी यादों को लिए बैठा है
हर गलियों में उसके साथ किये
वादों को लिए बैठा है
वो बैठी है , किसी और की बांहों में लिपट कर
उफ! ये मेरा दिल अब तलक, खुदा की जगह
उसकी ही, इबादत को लिए बैठा है
बारिश की बूंदे जो इस शहर में मेरे हथेली पे परे
मुझे लगा ये शहर जैसे
उसकी यादों में, अपने आंसूओं से,
मुझको भिगोने के, चाहत को लिए बैठा है.....
- Swadha
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दिल चाहता है
तुमसे मिलने को दिल चाहता है
मुझे देख तेरे रूखसार पे जो
हया की लाली आती है
उसे छूने को दिल चाहता है
ये मस्तानी हवा मुझसे कह रही है
तुम चुप-चुप से क्यों बैठे हो
मैं हवाओं से कैसे कहूँ
कि तुमने जो उलझा दिया होगा
मेरी महबूबा के रेशम से जुल्फों को
उसे सुलझाने को दिल चाहता है
बहूत खो लिया ख्वाबों में तेरे
मैं सच कहता हूँ ए जान मेरी
मुश्किल है अब तुमसे दूर रहना
तेरे बाहों के घेरे में रहकर
जीने को दिल चाहता है....
- Swadha
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अच्छा लगता है
तेरा यूंं धीमे से मुस्काना,
जुल्फों को हटाकर, पलकों को उठाना,
मेरे नाम का पहला अक्षर बोलकर
हल्के से शर्माना, मेरे पास आते - आते,
दो कदम पीछे ही रूक जाना,
नजरें चुराकर, मुझे देखना
और तेरा, मेरे ख्यालों में खो जाना,
अच्छा ही नहीं, बहूत अच्छा लगता है....
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"बारिश सा है प्यार तेरा "
बाहर बारिश हो रही
मेरा मन तेरे ख्यालों में डूबा है
मेरे महबूब, एक बार फिर मुझसे कहो ना, की,
जानेमन, तू मेरी महबूबा है
मेरे जिन्दगी के सूखे जमीन पर
बरिश सा ही तो है प्यार तेरा
एक बार तो आके मेरे आंखों में देखो
और आहिस्ते से मेरे कानों में कह दो की
ए मेरी धरकन,, तेरे नैनों की गहरी झील में
मेरा दिल डूबा है... ❤️
- स्वधा
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ये बारिश की हल्की फुहार, तेरी याद दिलाती है
मेरी हर धरकन भी, बस तेरा नाम दोहराती है
सारी रात देखा मैंने चांद को खिरकी से
तुमने ही तो कहा है की, तारों के बीच चांद की खूबसूरती को देखना
तेरे नजरों को सूकून सा दे जाती है…....
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