ये कैसा इश्क कर रहे है आजकल ये लोग !
मोहब्बत हो नही रही ..,
जिस्म छोड़ा नही जा रहा.....-
❤
lafzo ki gehra... read more
सुनो सखी,
तुम सजती हो, संवरती हो ,
चेहरे पर यह मुस्कुराहट रखकर ,
अपने प्रेमी से मिलने निकलती हो ,
तुम बहुत खूबसूरत लगती हो ।
पर उससे भी ज्यादा खूबसूरत तुम तब लगती हो,
जब तुम खुद पर विश्वास करती हो,
तुम सदैव आगे बढ़ने की सोच रखती हो,
तुम अपने हर सपने को सच कर दिखाने की कोशिश में लगती हो ।
और जब तुम ये श्रृंगार सिर्फ अपने लिए करती हो ।-
नकाबों के पीछे छिपे चेहरे को सामने ला रहा है
ये वक्त किसी का नहीं है बहता जा रहा है
वो खुदगर्ज़ी का बाज़ार मुझे दिख रहा है
एक एक करके हर इंसान इसमें बिक रहा है
शराफत का लिवास ओढ़े बैठी है बेशर्मी यहां
यहां सच भी ऐसा है जो झूठ कहता जा रहा है
वह कुछ लोग वाह-वाही के लिए
दया का दिखावा किया करते हैं
जब नहीं देखता कोई तो यही लोग
गरीबों के मुंह से छीन निवाला लिया करते हैं
कपट की गंदगी दिल में छुपाए बैठे हैं सारे लोग
सिर्फ होने के लिए मशहूर ,खेल खेला जा रहा है
जलन इतनी है कि हर दूसरे से लड़ लिया करते हैं
किसी की लाचारी पर खिलखिला कर हंस दिया करते हैं
किसी के दुख में ना दुखी है ना किसी की खुशी में खुश
सिर्फ तस्वीरों के लिए ही हर कोई मुस्कुरा रहा है
यह वक्त किसी का नहीं यह बहता जा रहा है-
कुछ सपने जो बहुत बड़े हैं
कुछ ख्वाहिशें जो जरूरी है,
कुछ लोग जिन्हें ये फ़िज़ूल लगते हैं
कुछ लोग इन्हे समझना ही नहीं चाहते
कुछ मुश्किलें वक़्त पैदा करता है
कुछ हालात हम खुद से बिगाड़ लेते हैं
कुछ प्रताड़नाएं असहनीय होती है
कुछ दुख झकझोर देने वाले
कुछ उम्मीदें वो हमसे लगाए बैठे हैं
कुछ उम्मीदें हमे खुद से होती हैं
कुछ अरमान टूट जाते हैं
कुछ को तोड़ना पड़ता है
कुछ दर्द लिखा नहीं जा सकता
कुछ एहसास पढ़े नहीं जा सकते ।-
मेरे देश पर ओ मरने वालों , ये मिट्टी तुमको याद करे
ये खड़ा हिमालय याद करे, गंगा मिलने फरियाद करे
चौखट पे खड़ी तेरी प्यारी बहन ,आंखो में तेरा इंतज़ार लिए
तू तोड़ गया जिस डोर को इकपल में
उस राखी में लिपटा प्यार लिए
देती है दूआएं लिख लिख कर खत ,
इस देश को तू आबाद करे
मेरे देश पर ओ मरने वालों ये मिट्टी तुमको याद करे
जो सपूत वतन पर जां देते, उनकी माएँ कैसी होती है
सर फक्र से ऊंचा रहता है ,और आंखें चुप चुप रोती हैं
वीर जन्म कर, सौंपे सीमा पर,फिर लाल पे अपने नाज़ करे
मेरे देश पे ओ मरने वालों ,ये मिट्टी तुमको याद करे-
हर बात पर ना जाने कितने सवाल करती है
ज़रा सी गलती होने पर बहुत बवाल करती है
वो जो भी करती है बहुत कमाल करती है
वो एक नादान सी लड़की .... ।-
इस पूरी सी ज़िन्दगी में, आधा सा साथ तेरा
ये रहम किस लिए ?
और इस आधे से तेरे साथ को , मैं पूरा मान लूं
ये वहम किस लिए ?-
पीड़ा ऐसी हृदय में , ले प्रेम रूप समाई
प्रेम है या फिर पीड़ा है ,भेद ना मैं कर पाई ।-