स्वाति सिंह   (स्वाति सिंह)
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Joined 19 May 2021


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Joined 19 May 2021

कैसे कह दूं उसे बेवफा,
मुझसे न सही..
किसी और से तो उसने सच्चा प्यार किया है!
🥀💔

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कविता k इस दौर में कुछ नया सीखते हैं,
बहुत लिख लिया इश्क बेवफाई, चल आज मां लिखते है

धोखेबाजों k is दौर में एकमात्र विश्वास है तू,
सुनसान पड़ी जिंदगी में जीवन जीने का आस है तू,
फकीरों की इस झोपडी का जगमगाता प्रकाश है तू
क्या है तू,
मोह h तू माया तू,
धूप है तू, छाया भी तू,
अपना तू पराया भी तू,
अपना होकर भी तुझे गंवाया क्यों??

तू स्वयं नहीं जानती क्या है तू,
दर्द है तू, सुकून भी तू,
आधा तू संपूर्ण भी तू,
निर्दई तू, करुण भी तू,
सफेद है तू अरुण भी तू

मुझे देकर एक अस्तित्व खुद का अस्तित्व छोड़ दिया,
अपने हिस्से की सारी खुशियां हंसकर मेरी ओर मोड दिया,
क्या लिखूं तेरे बारे में, लिखने चली तो कलम ने भी मेरा साथ छोड़ दिया!

तू एक है लाखों में करोड़ों में, या यूं कहूं अरबों में,
ईश्वर तुल्य हर उस मां को प्रणाम, स्वाति k शब्दों में!!

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सोचा न था कभी ऐसा भी होगा,
मेरी जिंदगी में कोई तेरे जैसा भी होगा,
बचती बचाती रही खुद को इश्क़ ए जंजाल से,
मगर अंजान थी मै इस बात से,
की जैसा खुदा चाहे वैसा ही होगा..!!

'दिल ए राज' बन जाएगा तू,
' सुकून ए मिजाज' बन जाएगा तू,
मगर अंजान थी इस बात से,
की अंधेरी इस जिंदगी का सिराज बन जाएगा तू!!

वो आम सी मुलाकात खास बन जाएगी,
सिरफिरी सी नादान तुझे रास आ जाएगी,
मगर अंजान थी इस बात से,
की समझदार सी ये लड़की बदहवास बन जाएगी!!

चिल्मन से झांकता वो प्रकाश बन गया,
कभी न होने वाला वो अहसास बन गया,
अंजान रही मैं इस बात से,
न जाने कब मेरी जिंदगी का तू सरफराज बन गया!!

मुझसे ज्यादा मुझे तू जानने लगा,
डगमगाते राह पर मुझे तू थामने लगा,
मगर अंजान रही मैं इस बात से,
न जाने कब तू मुझे खुदा मानने लगा!!

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आंखे मिली, सोच मिली,दिल मिल गया,
जब किस्मत मिलने लगी तो तू दूर चला गया!

हीर मिली राँझे से,जैसे पतंग मिला मांझे से,
जब हमारे मिलन का दौर आया तो तू दूर चला गया!

धड़कन रुकी थी, सांसे थम चुकी थी,
तेरा मेरा वक्त थमने लगा तो तू दूर चला गया!

अरदास किया दरबार में, सजदा किया मजार में,
जब "सजदा ए इश्क" किया तो तू दूर चला गया!

अश्कों में भीग गई, दिखावे से मैं रीझ गई,
मेरे से रिझने का समय आया तो तू दूर चला गया!

अल्हड़ हवा सी भटकती रही,चंचल घटा सी झलकती रही,
जब तेरे झलक का दीदार हुआ तो तू दूर चला गया!

टूट गई मै ,बिखर गई मैं, तेरे इश्क में निखर गई मैं,
तुझे निखारने का समय आया तो तू दूर चला गया!

दिल में आया,किस्मत में आ पहुंचा,
जब पास आने का समय आया तो तू दूर चला गया!

जर्रा-जर्रा तोड़ गया तू, ख्वाब अधूरे जोड़ गया तू,
ता-उम्र साथ का वादा कर.. अधूरा मुझे छोड़ गया तू..!

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मेरे चेहरे से तो शायद ही प्यार होगा तुम्हें...
क्योंकि जानती हूं मैं की कुछ खास नहीं दिखती..
पर जिस दिन मेरी सादगी से प्यार हो जाए उस दिन बताना जरूर!

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Kabhi fursat mile to batayenge apni Dastaan,,,
Tumhari kahani me to hmara kirdar ek bewafa ka h

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13 AUG 2024 AT 11:32

जरूरी नही,हर ताल्लुकात मोहब्बत का हो
दोस्ती के रिश्ते इश्क़ से ऊंचा मकाम रखते हैं।❣️

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12 AUG 2024 AT 12:33

तू बन जा गली बनारस की..
मैं शाम तलक भटकूं तुझमें।

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कभी लफ्ज़ों में तालाश ना करना वजूद मेरा
हम इतना लिख नहीं पाते जितना महसूस करते हैं!!

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11 MAR 2024 AT 17:48

❣️❣️❣️

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