अनजान शहर में अकेले घूमने आई थी
Local का सफर कितना मुश्किल है यह खुदको रूबुरी कराने आई थी
क्या रह सकूंगी इस शहर में खुदके लिए यह सवाल साथ लेकर आई थी
इस शहर की बात जरा निराली है हर दिन कुछ नया सीखा कर जाति है
कभी इस शहर के लोग आपके अपने बन जाते है तो कभी अजनबी से हो जाते है
कभी सब कुछ बड़े आसानी से हो जाता है तो कभी Iritation और Frustration दे जाता है
यह शहर कभी अपनो सा ववाहर करता है, तो कभी गैरो से भी ना करे ऐसे रुड सा बन जाता है
इस शहर की खास बात कुछ ऐसी है ना इसे कोई आसानी से समझ पाता है ना मुझे कोई समझ सकता
लोटते वक्त यह शहर समझ आया या ना आया पर अपने साथ यादों का भरपूर पिटारा साथ लाई
-