अलविदा कह दूं जिंदगी को इतना सताया तूने हमे तेरे हर गुस्ताखी को भूलकर माफ करता आया तुझे और कितनी तकलीफ मेरे तकदीर लिखा है रब ने ये देखने के लिए बेटा जिंदगी का साथ देना है हमे ।।
याद है तुमको वो हर बातें , बस बताती नही तेरी आंखे कह जाती है , जो तुम जताती नही जी रहे है जिंदगी अपनी , मैं भी , और तुम भी क्या करूं , उन पलों की याद , दिल से जाती नही ।।
एक बार तुमसे हर बात , कहने को दिल करता है रु -बरु होकर एहसास दिलाऊं तुम्हे दिल क्या चाहता है जी में आता है तेरे दामन में उन अश्कों को बह जाने दूं रोके रखा हूं जिसे सीने में जिसे अब और रोकी जाती नही ।।
अब तुम भी कहोगे मेरे खुशी का राज क्या है वो राज है तुम्हारा मुझसे मुंह फेर लेना वर्ना वो सच्चा इंसान मेरे जिंदगी में ना आते ये बाग शायद उजड़ ही जाते गुलशन में कभी बहार ना आते ।।
नजरें मिलते है दिल की धड़कन तेज हो जाए आंखे भी एक दूसरे से जैसे कुछ कहना चाहे जुदा हो जाते है अक्सर दो प्यार करने वाले जब कोई भी प्यार का इजहार ना कर पाए ।।
कब तक यूं ही तन्हा जीता रहूंगा मैं कब तक लाश बनी जिंदगी को ढोता रहूंगा मैं मेरे जिंदगी में शामिल अंधेरे गुजरते क्यों नहीं कब तक सुबह का इंतजार करता रहूंगा मैं ।।