तुम मिले खुशी मिली
एक नया जज़्बात मिला
पर यूं ही हमेशा रह सको तो ही आना
खुशियां बांटने के लिए कई हैं
पर मेरी उदासी में
मुस्कान ला सको तो ही आना
बदलते लोगों में ,ढलते दिन में
एक खूबसूरत शाम ला सको तो ही आना
माना इतनी भी खूबसूरत नहीं मैं
पर इस भीड़ में मुझे ही चुन सको तो ही आना
दो पल के लिए लोग बहुत है मेरे पास
पर अगर तुम मेरी तनहाई बांट सको तो ही आना
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मुझे ख़ुद में खुश रहने की आदत सी हो गई है
कभी अकेले का दर्द अहसास ही नही होता
मुझे अज़ीज़ है अपनी पहचान अपनी मुस्कान..
मैं खुश हूं ये बरसते बूंदों के साथ
मुझे ज़रूरत ही नहीं होती
किसी से अपना गम बांटने की
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आज फिर मोहब्बत की बस्ती से पैग़ाम आया है
और हमेशा की ही तरह... आज भी
हमने तुम्हारे लिए उसे नज़र अंदाज़ किया है-
इसे मैं अपना घर बना लूं क्या?
थोड़ी सी दुरियां है हम में
मैं इसे प्यार से भर दूं क्या?
मिट जाते ये फासले भी
गर मैं पास बैठ तुम्हारी धड़कने बढ़ा दूं तो
अब जो हो सो यूं हो की तुम दिल से हो
ये बात सबको बता दूं क्या ?-
And I added you here
I sit lonely in this silence
Nursing the wound you gave
You insist on indifference
I won't be the one to sway
The lovers have follen silent
Neither is able to say
Stay with me don't go away-
मिजाज़ में बेरूखी नहीं मेरी
बस अब बातें दिल की हों
साथ बैठ...गुफ्तगू भी हों
पर बातें मंज़िल की हों
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पीछे मुड़ कर देखा तो बहुत कुछ सीखा
ज़िंदगी के कुछ सादे पन्ने भर गए
तो किसी के बस निशान ही रह गए
इस नए साल में , कुछ नए रिश्ते बन गए
तो कुछ पुराने छूट गए ।।-
अब जिंदगियां छोटी हो गई है
और पैसे बड़े
अब लोग संस्कार नहीं
औकात देखते हैं...-