एक अरसा हुआ है देखे उसे ,
सो अब उसकी तस्वीर देख लेता हूँ
मन बदल लिया है उसने शायद
गलती मेरी ही है ये भी समझ लेता हूँ 😔😔-
Sushil Kumar Rathore
(शील)
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University of Allahabad
लिखता हूं लिखने से ज्यादा ख्याल करता हूँ और अक्सर ख्याल बिना सूरत ल... read more
लिखता हूं लिखने से ज्यादा ख्याल करता हूँ और अक्सर ख्याल बिना सूरत ल... read more
Joined 29 September 2017
12 SEP 2021 AT 11:46
1 AUG 2021 AT 12:23
मुंह फेर लिया उसने जो अपना मर्ज बताया उसको,
दोस्त बोले यार आखिरी दावत तो देता जा-
9 JUL 2021 AT 10:30
अपना साया ही है जो हर पल साथ चलता है,
कहने को तो अब जमाना साथ चलता है !-
28 JUN 2021 AT 10:42
मुझको अब एक सफर पर रहना है
जिसकी तय हो मंज़िल ऐसा मुसाफ़िर होना है
मुकम्मल हो जिसकी दास्तां ऐसा कोई किस्सा होना है!-
20 JUN 2021 AT 17:26
अगर पिता भी माँ की तरह कोमल ह्रदय वाले होते तो शायद उनका इस समाज में सरवाइवल भी मुश्किल होता !
यही कठोरता ही उन्हें सरवाइवल ऑफ द फिटेस्ट बनाती है ।-
12 JUN 2021 AT 8:51
Always tried to be right(claimed too) in front of my parents but the arguments I had were correct only for me , often realized later that their arguments are so balanced and universal.
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9 MAY 2021 AT 16:36
9 MAY 2021 AT 16:29
दवा असर ना करे तो नज़र उतारती हैं,
माँ है जनाब, वो कहाँ हार मानती हैं !!
~ अज्ञात
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