Ye phone par aur btaoo na Jane kha se aa jata ha baat ko aage badne hi nahi deta
सुशील दुबे — % &-
लगता हे ऊपर वाले ने मेरी लाइफ का question पेपर बड़ी फुर्सत से बनाया है। साल्व होने को ही नहीं आ रहा है।
सुशील दुबे — % &-
ना उसे बता कर प्यार करते हे ना बत कर इकरार करते हे ये मुहब्बत मेरी एक तरफा इसलिए उनसे बेतहाशा प्यार करते हे । कभी फुर्सत मिले तो इन आँखों को पढ़ लेना मेरे बिना कहे वो सब कुछ नजर आ जाएगा जहा भी जाओगे मेरा इशक नजर आएगा।
S💙💙💙A
सुशील दुबे — % &-
अगर हम औरों की तरह मीठी उनके हिसाब से बातें कर पाते तो शायद ये रातें अकेले ना कटती।
सुशील कुमार — % &-
अजीब एहसास है ये दिल का खालीपन रातों की नींद उड़ा देता हे
सुशील दुबे — % &-
रात को अकेले बेठे तन्हाई में उन के इंतजार रात केसे कट गई पता ही नहीं लगा — % &
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बड़ी उलझनें हे इस जिंदगी एक सुलझाने चलो फिर दूसरी उलझ जाती हे अब दिल बस यह कहता हे मन भर गया ए जिंदगी बस अब तो तुझसे रिहाइ चाहते हे आजाद हो कर कहीं सकून से रहना चाहते हे।
सुशील दुबे — % &-
बड़ी उलझनें हे इस जिंदगी एक सुलझाने चलो फिर दूसरी उलझ जाती हे अब दिल बस यह कहता हे मन भर गया ए जिंदगी बस अब तो तुझसे रिहाइ चाहते हे आजाद हो कर कहीं सकून से रहना चाहते हे।
सुशील दुबे — % &-
कमाल को वो मुलाकात थी मानो लगा कुछ वकत की बात थी
वो नुकङ की चाय की चुस्की ओर कालेज की कैन्टीन का शोर और समोसे जिन को पाने के लिए कलाश कही पीछे छोड़ आते थे उन से मिलकर ऐसा लगा जैसे कल की ही बात है
वो आखिरी साल की पढाई ओर लड़ाई बहुत याद आती है जैसे कल की बात हो।
वकत बीता हालत बदले पर जज्बात ना बदले मानो लग रहा हो कल की बात है।
सुशील दूबे-
हमको भी खबर कहा थी कि उन से मुहब्बत इतनी बेहिसाब होगी कि लफ्जों से बयान ही ना हो पाएगी अगर मेरी आँखों को पढ़ने का हुनर उन में होता तो शायद जान पाती वो मेरी बेहिसाब मुहब्बत को।
सुशील दुबे-