मृत्यू का स्वीकार कठीण और दुःखद हो किंतु मृत्यू सत्य है
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Sushil Chavan
(पंडित)
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Joined 22 February 2019
20 MAR 2022 AT 22:49
मृत्यु से स्नेह उचित है यहीं जो किसी के प्रति भेदभाव नहीं रखतीं।
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11 APR 2021 AT 22:24
अचानक_नात्यात आलेला दुरावा हा नुसताच दुरावा नसून त्यातला आपलेंपणा संपल्याचा संकेत असतो...
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19 FEB 2020 AT 0:09
जया दोषां परीहार। नाहीं नाहीं धुंडितां शास्त्र।
ते हरती अपार। पंढरपुर देखिलिया॥-
15 FEB 2020 AT 23:59
शोक था के संवारे अपनों के घर, हालात ये है के अब खुद बेघर होनें को है।
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10 FEB 2020 AT 23:40
जलायेंगे मोमबत्ती रॅलिया भी निकालेंगे आज, आदत है भुलने कि कल भूल जायेंगे।
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5 FEB 2020 AT 10:38
दाता नारायण। स्वयें भोगिता आपण॥१॥
आतां काय उरलें वाचे। पुढें शब्द बोलायाचे॥ध्रु.॥
देखती जे डोळे। रूप आपुलें तें खेळे॥२॥
तुका म्हणे नाद। जाला अवघा गोविंद॥३॥-
4 FEB 2020 AT 11:23
जिस उम्र में जो करने का मन हो,
वो कर लेना चाहिए।
वरना ज़िन्दगी में,
काश........बढ़ जाते है।-