Sushant Tiwari   (सुशांत तिवारी)
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Joined 18 January 2019


Joined 18 January 2019
10 JUN 2022 AT 1:55

अधूरी बातें थी
अधूरी रातें थी
ना नींद याहैं है
ना चैन वहां है
अहंकार को करवट में लिपटा है
जब तक कोई बात सूझी बुझी
सूरज की किरणे दोनो जहां थी

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9 SEP 2021 AT 21:52

आकस्मिक है ये जीवन
आकस्मिक ये गलत वक्त का घेराव है
आकस्मिक होने वाले रिश्तों के बदलाव है
आकस्मिक बीता हुआ कल है
आकस्मिक होने वाला कल है
जो हो रहा है वो आकस्मिक है जो होगा वो भी आकस्मिक है।

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25 JUN 2021 AT 18:50

अल्फाज अल्फाजों में ही रेह गए
मन की बात मन में ही रह गई
जज्बातों को पहुंची ठेस है
क्युकी दिल की बातें दिल में ना रही
समझ भुज गई कितनी बातें
क्योंकि बातों में सिर्फ बातें ही रहे गई

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20 JUN 2021 AT 0:43

रात अभी अभी सिरहाने आकर थमी है।
सुकून पूरे दिन का ये रात दे रही है ।
वक्त का जायेजा कैसे हो सुकून ये रात ही दे रही है ।

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15 JUN 2021 AT 17:30

सुनहेरी सुनहेरी धूप
डगमाते हुए झाड़
ले वो कोयल अलाप
हम तोह टूटे टूटे से बिगड़े ऐसे हालात
सहमे सहमे से हम उलझे हुए ख़्वाब
धीमे धीमे बहता हुए दरिया
बदले जो जिंदगी का नज़रिया
रंगमंच सी दुनिया
बदलते रहे दुनिया के किरदार
किसे कहूं कैसे कहूं सब कुछ हो रहा है बेकार
कही तो रुकूं कही तो जागूं कुछ तो ले जिंदगी भी आकार .....

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22 MAY 2021 AT 12:26

काश तुम होते
ये इठलाते सावन को हम करीब से देख पाते
एक दूसरे की आंखों में हम करीब से गुम होते
एक दूसरे का हाथ पकड़ कर हम जिंदगी का ठहराव लेते
काश तुम होते



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17 MAY 2021 AT 15:54

बंद चार दीवारों में ये ज़िंदगी
कभी तो मिलेगा वोह खुला आसमान वोह खिला नीला आसमान
बिना मास्क की ज़िंदगी वोह आजादी से सांस लेने की खुशी
वोह खिलखिलाते हुए लोग जो भूल जाए क्या होता है, करोना ये रोग
जिन्हे सिर्फ़ खुशियां खरीदने पड़े ना की सांसें
आएगा वोह दिन वापस आएगा जब सिर्फ ये समय चर्चे में ही रह जायेगा



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17 MAY 2021 AT 13:19

लबों पर रुक गईं बातें
गहरे एहसासों में रहे गईं बातें
रगों में बट गई बातें
वोह तेरी खुशबू की महक में भीगकर रहे गई बातें
तेरी आंखों में डूब गई कई बातें
बतलाने आया था कितनी बातें तुम्हे मगर मुझमें ही सिमट गई ये बातें

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17 MAY 2021 AT 12:59


कुछ किस्सों में तुम कई किस्से में हम
लेकिन मुसाफिर बने वहीं किस्से जिसमे थे गम
संग चलते रहे वोह किस्से, जिसके हकदार थे हम

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28 MAR 2021 AT 6:07

खुशियां अगर छोटी होती हैं
तोह वोह सिर्फ़ मज़बूरी होती हैं ।

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