जीनगी ह फुलवारी बन जय
जीनगी ह सबके फुलवारी बन जय,
रंग-बिरंग फूल कस सबके चेहरा चमकय,
रातरानी, दूधमोंगरा ले फुलवारी (जीनगी) महकय,
दया, मया, सहयोग ले जीनगी हरियावय,
जीनगी ह सबके फुलवारी बन जय,
जीनगी ह सबके फुलवारी बन जय।
बनके मदार मैं काली माई के चरण ल पावंव,
तोर दिये जीनगी दाई तोरे नाम कर जांवव,
कनेर, धतुरा कस अर्पण हावंव मैं ह भोला,
जीनगी ल संवार दे, स्वीकार ले तै ह मोला,
रामायण, भागवत बर फूड़हर रूप सब ल मिल जय,
जीनगी ह सबके फुलवारी बन जय,
जीनगी ह सबके फुलवारी बन जय।
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