बस अब कुछ और नहीं कह पाऊॅंगा मैं,तूझे और प्यार नहीं दे पाऊॅंगा मैं,और कोशिश तो बोहोत की लड़ने की मैंने,पर तेरे साथ नहीं रह पाऊॅंगा मैं ।। -
बस अब कुछ और नहीं कह पाऊॅंगा मैं,तूझे और प्यार नहीं दे पाऊॅंगा मैं,और कोशिश तो बोहोत की लड़ने की मैंने,पर तेरे साथ नहीं रह पाऊॅंगा मैं ।।
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बस एक यही दुख है मुझे,की शाम निकलती जा रही है,उनका भी कॉल नहीं लग रहा,जाम भी खत्म होती जा रही है ।। -
बस एक यही दुख है मुझे,की शाम निकलती जा रही है,उनका भी कॉल नहीं लग रहा,जाम भी खत्म होती जा रही है ।।
आज पहली बार मैं दिवाली मनाकर आया हूॅं,मैं अपनी सीता के साथ दिया जलाकर आया हूॅं ।। -
आज पहली बार मैं दिवाली मनाकर आया हूॅं,मैं अपनी सीता के साथ दिया जलाकर आया हूॅं ।।
लोग छोड़े, घर छोड़ा, एहसास छोड़े,और फ़िर उसके खयाल भी छोड़ आया मैं,बस एक आदत सिगरेट की नहीं छूटी मेरी,दूजी आदत तेरी नहीं छोड़ पाया मैं ।। -
लोग छोड़े, घर छोड़ा, एहसास छोड़े,और फ़िर उसके खयाल भी छोड़ आया मैं,बस एक आदत सिगरेट की नहीं छूटी मेरी,दूजी आदत तेरी नहीं छोड़ पाया मैं ।।
ना नींद आई, ना आखें नम हुईं,ना दिन ढले, ना रातें रम हुईं,और कोशिश तो की गंदी आदतें छोड़ने की मैने,पर ना तो वो गईं, ना सिगरेट कम हुई ।। -
ना नींद आई, ना आखें नम हुईं,ना दिन ढले, ना रातें रम हुईं,और कोशिश तो की गंदी आदतें छोड़ने की मैने,पर ना तो वो गईं, ना सिगरेट कम हुई ।।
कुछ बात हुई और फिर यूॅं हो गईं,मैं सोचता रहा तुम्हें और फिर रात हो गई,एक गन्दी आदत थी सिगरेट पीने की मुझे,और फिर मुसलसल आदत ही तुम हो गईं ।। -
कुछ बात हुई और फिर यूॅं हो गईं,मैं सोचता रहा तुम्हें और फिर रात हो गई,एक गन्दी आदत थी सिगरेट पीने की मुझे,और फिर मुसलसल आदत ही तुम हो गईं ।।
जी करता है की कुछ ऐसा कर जाऊॅं मैं,तूझे माॅंगने खुदा के घर जाऊँ मैं,फिर कुछ ऐसा कमाल हो मैं, जोतूझे भरू अपनी बाहों में और मर जाऊँ मैं ।। -
जी करता है की कुछ ऐसा कर जाऊॅं मैं,तूझे माॅंगने खुदा के घर जाऊँ मैं,फिर कुछ ऐसा कमाल हो मैं, जोतूझे भरू अपनी बाहों में और मर जाऊँ मैं ।।
एक आपके लिए फिजूल हैं बस,वरना इन्सान बड़े महंगे हुआ करते थे हम।। -
एक आपके लिए फिजूल हैं बस,वरना इन्सान बड़े महंगे हुआ करते थे हम।।
खुदा करे वो पास आए और इस तरह आ जाए,की मुझे नींद आए और बेहिसाब आ जाए,फ़िर चाहे वो मुझसे दूर कितनी भीं रहें,मैं जब भी आखें बंद करूं, उसका खयाल आ जाए ।। -
खुदा करे वो पास आए और इस तरह आ जाए,की मुझे नींद आए और बेहिसाब आ जाए,फ़िर चाहे वो मुझसे दूर कितनी भीं रहें,मैं जब भी आखें बंद करूं, उसका खयाल आ जाए ।।
दिल, दिमाग, सड़क, रास्ता, जहाँछोड़कर आया हूॅं,मैं उसके घर के सामने से मुँह मोड़ कर आया हूॅं ।। -
दिल, दिमाग, सड़क, रास्ता, जहाँछोड़कर आया हूॅं,मैं उसके घर के सामने से मुँह मोड़ कर आया हूॅं ।।