एक वजह , और दुनिया हमको गिनने लगी नादानों में
जब इश्क़ की गर्मी चले ढूंढ़ने बर्फ़ीली चट्टानों में-
किसी की यादों की तीरों से घायल हुआ परिंदा हूँ
उसने मुझको मार दिया लेकिन मैं अब तक जिंदा हूँ-
वो बहती हुई नदी सी है , दिल रुका हुआ सा साहिल है
मौत से मिलना आसाँ है पर , उनसे मिलना मुश्किल है-
मोहब्बत में आके अपनी आदत सँवार ली
बस नाम उनका ले लिया , ज़िन्दगी गुज़ार ली
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सूख गए हैं सारे प्रेम के पौधे अब बरसात नहीं होती
कसम प्रेम की कहता हूँ अब उनसे बात नहीं होती
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आँसू बदले-बदले रहते बचपन और जवानी में
छुपी हुई है लाख कहानी इन आँखों के पानी में-
जौ तू चाहत हौ मरा यही भरी जवानी मा
आके लगा ला एक डुबकी यहि इशक के पानी मा-
टेबल के नीचे से लेकर लौट आओ अब जीवन में
जान बची है मेरी केवल तुमको रिश्वत देने को-
चूल्हे की सेंकी रोटी शहरों में कहाँ मिलती है
वहाँ लाल कपड़े पहन सड़कों पर भूख टहलती है-
कैसे बचेंगे रिश्ते आज के दौर में , सुन! तो लो
गर बोलें वो कुछ भी तुम बोलो कि सही कहा जी-