Surya Prakash Raghuvanshi   ('सूरज' रघुवंशी)
14 Followers · 3 Following

Joined 12 August 2017


Joined 12 August 2017
10 JAN 2022 AT 14:58

'ज़िन्दगी' एक ताश का खेल है
'वक़्त' जिसमे तुरुप का इक्का है

हो सकता है तुरुप का इक्का हमारे पास न हो
पर बाँकी के पत्तों का सही इस्तेमाल किया जाए

तो ताश के खेल में तुरुप के इक्के को और
ज़िंदगी में 'वक़्त' की तानाशाही को हराया जा सकता है

-


7 DEC 2021 AT 23:53

चाहे वक़्त हो, हालात हो या कि हो ज़माना
कोशिशें सभी ने भरपूर की मुझे हराने की

मैं सिर्फ़ नाम से ही नही इरादों से भी सभी पर
अजीत था, अजीत हूँ, अजीत ही रहूँगा।

#GetWellSoon बब्बा जी

-


3 DEC 2021 AT 21:47

मेरी पहली मोहब्बत 'वकालत'
मेरी माशूका से मिलने की जगह 'अदालत'

-


11 SEP 2021 AT 17:16

एक शख्सियत के बारे में
कुछ बातें लिखना चाहता हूँ

हालातों की बेबसी भी क्या चीज है
शब्द दो लिखता हूँ आँख से आंसू चार गिरते है

-


5 SEP 2021 AT 21:28

जब बात तफ़्तीश तक पहुँची
तो कुछ अपने भी बेड़ियों में जकड़े निकले

चली तो फरियादी के दरवाजे पर बंदूकें थी
पुलिस की रपट में कारतूस भी फटाखे निकले

जो ताउम्र देते थे दुहाई अपनी ईमानदारी की
उनकी कलम भी घूसखोरी की गुलाम निकली

तुम दिन को रात लिख दो, कलम तुम्हारी है
बस जंग हम जीतेंगे, यही सच्चाई हमारी है

-


4 SEP 2021 AT 23:48

बात सच के साथ की भी न थी
न ही अन्याय के ख़िलाफ़ की थी

बात बस दोस्ती के गौरव की थी
तो बात सिर्फ़ अपनी ख़ुद की थी



-


10 AUG 2021 AT 22:00

वक़्त कैसा भी हो
कभी हालातों को खुद पर हावी होने मत देना

कोई कितना भी करीब क्यूँ न हो
कभी अपनी ख़ुशी की चाबी किसी के हाथ में मत देना

अपनी क़ाबिलियत से करना हालातों को मज़बूर
कभी हालातों को तुम्हें मजबूर करने मत देना

ये दुख-दर्द मिलना-बिछड़ना, तो जीवन का हिस्सा है
कभी किसी वज़ह पर ख़ुद को कुर्बान कर मत देना

-


25 JUL 2021 AT 14:14

जिन बातों से वो हँस जाए, ऐसी बातें उससे करनी है
ख़ुशी उसकी सर्वप्रिये है, बाँकी बातें सारी एक तरफ़

उससे बार-बार रूठने पर भी, मान जाता हूँ मैं
मनाना उसका एक तरफ़, मेरी दलीलें सारी एक तरफ

जैसा उसे पसंद हूँ मैं, बस वैसा ही मुझे बना रहना है
यारी उससे एक तरफ़ है, बांकी दुनिया सारी एक तरफ

-


21 JUL 2021 AT 20:18

एक यार की यारी में
हम इस क़दर संजीदा हो गए

उसकी यारी इतनी नायाब है
वो हमारे यार नही अब ख़ुदा हो गये

हमें जुदा करने वाले भी
ख़ुद ही हमसे जुदा हो गए

-


18 JUL 2021 AT 23:42

इल्ज़ाम मुझ पर वेहिसाबी का भी लगता है
मेरे पास जो भी है सब तेरा ही तो है मालिक

ख़ैर ये इल्ज़ाम भी ज़माने का जायज़ है
मेरी जमीं भी तेरी है, पाई-पाई भी तेरी है

मेरा मुझमें मैं भी नही जितना तू बसता है
मेरी हर साँस भी तेरी मर्ज़ी से ही है

ऐसे इल्जामों की परवाह भी किसे है मालिक
जब अदालत ही तेरी है, न्यायाधीश भी तू है

-


Fetching Surya Prakash Raghuvanshi Quotes