राज मुहब्बत का छुपा लेंगे,
तुम आओ तो सही...,
ज़ख्म दिल के सिला लेंगे,
तुम आओ तो सही...,
माना के शहर मशहूर है मेरा अँधेरों का शहर,
चांद आगन मे उगा लेंगे,
तुम आओ तो सही...!!!-
(फौजी इंजीनियर)
Wrokohalic
Wish me on 0⃣6⃣ September
Love myself I do. No... read more
"कितनी ही बरसात हुई-पर अंदर तक हम ना भीगे,
यदि अंदर तक भीगे होते-तो मन के मैल धुले होते"-
उसके प्यार की Dish भी,
क्या ही लजीज निकलीं साहब...
कल तक जो Babu थाना थाया करता था,
आज कल वो, थाने में खाया करता है !
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चलते-चलते ढल गई शाम आपकी रह गुज़र में
चले आओ इंतजार है आपका इन सर्द हवाओं में...
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मेरी गलतिया तो मशहुर हैं जमाने में..
फ़िक्र वो करें जिनके गुनाह पर्दे में हैं!!!-
मूक रूप में बैठा हूं
पर मन को कैसे एकांत करूं
छोड़ विचारों की अभिव्यक्ति
मै कैसे विश्राम करूँ
कैसे ढूंढू अब उस पथ को
जिस पथ पर मै अब शांत रहूं...!-
तेरी शमा से चमके है तेरे चिराग-ऐ-नूर।
मेहताब,आफताब,हैं,नजारे ,तेरे हुज़ूर।
रौशन है, जहाँ में,जमी से आसमान तक।
जो हम नही तो,कायनात में नहीँ फितूर।-
यार तिजोरी भर रक्खी है
खूब कमाई कर रक्खी है
ढूंढ रहा हूँ बाहर जिसको
वो शय तो अंदर रक्खी है
वैसे तो मिट्टी की है पर
ये गुड़िया भी डर रक्खी है
जिस्मों के बाज़ार सजे हैं
रूह तो सबकी मर रक्खी है
ग़म से दो दो हाथ करेंगे
मेज़ पे बोतल धर रक्खी है-
सबकी हाँ में हाँ मिला, इतना रखना ध्यान!
ऐसे में किरदार का, हो जाता नुकसान!!-
मेरी खामोशी सब को खाये जा रही है
मैं घर मे सबसे ज्यादा बोलने वाला लड़का था कभी ...!!!-