मैंने देखा है दोस्तों को मुँह मोड़ते हुए
जब काम खत्म हो जाये तो अक्सर लोग दूरी बना लेते हैं
शायद दोस्तों के मामले में बदकिस्मत हूँ की आजतक कोई वैसा दोस्त नहीं मिला जो मुझे समझ सके
खैर....
इसी बात की तस्सली है की मैंने हर रिश्ते को ईमानदारी से निभाया है.....!-
कभी कभी दिमाग कहता है कि लोगों के साथ वैसा ही व्यवहार किया जाए जैसा वो हमारे साथ करते हैं ,
लेकिन फिर दिल कहता है कि अगर हम भी उन जैसे बन गए तो उनमें और हम में फ़र्क़ ही क्या रह जाएगा ..-
खुश रहने की कोशिश करते - करते कभी कभी मैं इतना उदास हो जाता हूं कि मुझे किसी की दी हुई नेक सलाह भी चुभती है
मैं दूर भागता हूं , उन सभी लोगों से जो मेरे हितैषी हैं , या ढोंग करते हैं
वास्तव में मुझमें संयम की कमी है , भावनात्मक स्तर पर मैं दक्ष नहीं हूं ..-
जिंदगी में ऐसा भी वक्त आएगा
जब तुम्हें लगेगा सब खत्म हो गया है
उस वक्त मेरे दोस्त
आप की कहानी की असली शुरुआत होगी...-
अपनो को हमेशा अपना होने का एहसास दिलाओ
वरना,
वक्त आपके अपनो को आपके बिना जीना सीखा देगा।-
रूठने-मनाने का,
सिलसिला कुछ यू हुआ
मान गया था मगर,
फिर रूठने का दिल हुआ-
तभी तक पूछे जाओगे
जब तक काम आओगे..
चिरागों के जलते ही
बुझा दी जाती है तिल्लियां....-
Chlo jao bhi ab jee lenge
Par sach kaho majboori hai kya,
Mujhe ye kahani thodi or likhni thi
Tumare hisab se puri h kya...😏-
Na Duniya ke Liye Likhte
Na Mere Liye Likhte
Na Duniya ke Liye Likhte
Na Mere Liye Likhte,
Ghalib Zinda Hote Toh
Tere Liye Likhte.....
Ghalib Zinda Hote Toh
Tere Liye Likhte.....-