Surmit Kaur   (Surmit Kaur)
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Joined 2 May 2020


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10 APR 2024 AT 23:15

नींद से दूर हूँ पर
तेरा ख्वाब हर पल मेरी आँखों में है
तू मुझे मिले या न मिले
तेरे प्यार का एहसास मेरी सासों में है.
तेरी हर छुअन मुझे आज भी सहला जाती है
तेरे एहसासों का एहसास मेरी रोम रोम में है....

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4 APR 2024 AT 1:09

कोई ये कैसे उन्हें समझाये
वो कितने प्यारे हैं इस दिल को
कोई ये कैसे समझाये उनको
के उनके सिवा कोई नहीं करीब इस दिल के

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3 APR 2024 AT 23:54

आंखों में बस गई है रात मेरी
तेरी मेरी बिछड़े फ़रियाद जैसी
तेरे साथ देखी मेरी सारे टूटे ख्वाब जैसी
बिछुड़े तो मिलेंगे फिर, ख्वाब टूटे जुड़ेंगे फिर
यही एक आश है इस दिल को
तेरी फ़रियाद है इस दिल को...

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5 JAN 2024 AT 23:58

तुम यूँ ही मुझसे ख़फ़ा हो जाते हो या तुम्हारे बेरूखी ही मेरे हिस्से है,
मन में बस्ते हो आँखों में रहते हो फिर पल दो पल में आँखों से क्यूँ ओझल हो जाते हो .
तुम्हारा यूँ बार बार हर बार मुझे रुला देना
मुझे भीतर से तोड़ देता है...

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22 OCT 2023 AT 20:27

मैंने उसे भुला देने के कई जतन किए
खुद पर उसके यादों से
दूर रखने के कई सितम भी किए.
मैं उसकी कहानी में नहीं
वो मेरे किस्मत में नहीं
मैं उसके कल में नहीं
वो मेरे किसी भी पल में नहीं
यह बात कई दफे खुदसे दोहराए.
पर आज भी उसकी एक एक बात
हर एक छुअन, हर एक मुस्कान और
हर वो एहसासों का एहसास मुझे है.
मैं उसकी कहानी में नहीं
पर मेरी कहानी उस से ही शुरू
और उसी पे खत्म है,
मेरी कहानी उसके बगैर अधूरी सी है.
हमारी कहानी अधूरी रह गई...

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22 OCT 2023 AT 20:20

तेरे आने से ही मेरी जिंदगी खुशहाल थी,
तूने ही आज इसे तबाह किया है...
यूँ तेरा मुहँ फ़ेर लेना मुझे देख कर
पल पल मुझे रुलाता रहा है...

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22 OCT 2023 AT 20:10

क्यूँ हर शख्स कुछ कुछ
तुझ जैसा लगता है
तेरा चेहरा हम भूले नहीं या
तू इन आँखों में बस सा गया है l
तू ही तू यूँ हर ओर दिखता है
तुझको भूले नहीं ऐसा क्यों लगता है,
तुझ संग साथ जीने की चाह थी
तेरे बिना मरना अब क्यों बेहतर लगता है,
तेरा ख्वाब हरपल बसता है इन आँखों में
तू भूल गया है हमको पर हमारी
यादों में तू अब भी ज़िन्दा है l

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26 AUG 2023 AT 23:43

तेरे नाम के हर एक अक्षर से भी
उतना ही प्यार करते थे हम
जितना के तुमसे किया करते थे,
हथेली पर तुम्हारा नाम
लिखते थे फिर मिटाते थे
पर दिल में मेरे लिखे
तेरे नाम मिटा नहीं पाए हैं...

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1 AUG 2023 AT 21:34

हमने कब चाहा की
वह शख्स हमारा हो जाये
बस इतना दिख जाये कि
आँखों को गुज़ारा हो जाये...

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1 AUG 2023 AT 20:20

इन आँखों को बस तू दिख जाए
उस लम्हें को मैं अपना हर लम्हा बनालुँ...

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