की में निशब्द हो गया,
जब मेरे हमसफर ने पूछा,
बेटियोका घर कोनसा होता है?-
Hope all you are doing well.
I am Suresh Sangatani from Ahmedabad-Gujarat.
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की क्या बताऊँ,
कान्हा से कितना प्रेम करती हूं में,
मुजे तो उनके पाव के नख में फसी
माटी से भी ईर्ष्या होती है-
जब दान देने वाला दानी और
दान लेने वाला भिखारी होता है,
तो कन्या-दान-लेने वालों को,
दहेज मांगने का अधिकार किसने दिया?
-
की एक बार दिल खोलकर,
हस्ते हुए,
ख़ुदको शीशे में देख लेना,
अगर जो नजर मिल भी जाए
कही खुदसे ही,
तो खुदसे थोड़ा मिल भी लेना,
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की बीच मैदान में अकेली खड़ी हो
बवाल कर रही हो
घनी झुलफो के बल्ले से,
आशिको के दिल यहां वहा,
गेंद की तरह उछाल रही हो
अपने आंखों के आंसुओं से
खिलाड़ियो को भिगो भिगो के मार रही हो
मुजे तो तुम, लड़कियों की
सूर्याकुमार यादव लग रही हो
-
सीखने वालो में से बनोगे,
तो किम्मत बनी रहेगी
सिखाने वालो की तादात,
दिन ब दिन बढ़ती जा रही है-
की ये सारा मसला समझदारी का ही है
नासमज थे तो ख़ुदको जिंदा महसूस करते थे-
भीड़ में तुजे उलझा देख कर,
में खुद ही उलझ गया
तुजे थोड़ा सा जानकर,
में खुद ही को भूल गया
-
की मुझे महखाने जाने की,
जरूरत ही नही, सुरेश,
बस मेरा यार मिल जाता है
महखाना वही बन जाता है-
काश जिद्द बचपन की
आज भी जिंदा होती
कामयाबी की लिए इतना
इंतज़ार ना करना पड़ता-