सोचता था कि कोई नही है दुश्मन मेरा, फिर न जाने जमाना ही दुश्मन कैसे बन गया, जिस तरफ देखु मेरी बदनामिया हो रही थी, कोई मेरे सीने पर वार करने की हिम्मत न रखता, अफवाओं के दौर में मेरे सीने में आग दड़क रही थी, शांत रहकर के भी कितना रहता बात हद से पर हो रही थी, जिस मासूम के मेरे नाम से बदनाम किया जा रहा था, बस कोई बता दे उसका क्या कसूर...
#खुश रहो यारो
- सुरेश भाटी