अति किसी भी चीज में अच्छी नहीं होती,
भक्ति हो या शक्ति अति अच्छी नही होती।
कहते हैं न अति का अंत निश्चित होता है,
किसी भी कार्य के असीमा अच्छी नहीं होती।-
नारी को जन्म नारी दे,
और नारी जीवन को गति दे।
विराम कहाँ उनके जीवन में,
जब वो सृष्टि को संचार दे
बड़ी विडंबना जग की है,
जब संचारी को बेनामी दे।
संबल सहनशील है जो,
उसे नाम असहिष्णुता का दे।
-
तुम्हारे होते क्या मज़ाल,
कि होंठो की हंसी छीन जाए।
तुम ही तो हो और जब हो,
तो हर शै में जान भी आ जाए।-
ज़िंदगी में वो मक़ाम भी आता है,
जब इंसान दोराहे पर खड़ा नज़र आता है।
छुट जाते हैं लोग एक याद देकर,
फिर वो सामने होता है न ही नज़र आता है।
यही तो एक ज़िंदगी का दस्तूर है,
जिसमें चाह कर भी कुछ छुटा नज़र आता है।-
बस रात भर एक ख़्वाब देखता रहा,
दीवाना है एक ही राह को तकता रहा।
उम्मीद दम तोड़कर रिझाने को तैयार,
एक दीवानगी हद को पार करता रहा।-
इस ज़िंदगी में दर्द कुछ कम नहीं,
और फिर तेरा यूँ चले जाना कम नहीं।
लौट आओ तो चेहरे पे बहार आ जाए,
वरना ज़िंदगी की ये उम्मीद कम नहीं।-
नई नई पहचान है नई नई चाहत,
आज ज़ज़्बातों से हुई है मुलाक़ात।
चलते थे कभी हरफनमौला बन,
आज हुई है उनसे पहली मुलाक़ात।-
जाने क्या गलती हो जाती है,
के ज़िंदगी खफ़ा हो जाती है।
ज़िंदगी वक़्त के तूफां के साथ,
यूँ दर्द में शामिल हो जाती है।-
ज़िंदगी में नई सुबह सीख दे जाती है,
तो नई सुबह एक आस भी दे जाती है।
सीख देकर गर नई चुनौती देती है,
तो चुनौती रख हौसला भी दे जाती है।-
ख़ता मेरी न थी ख़ता उसकी न थी,
खताओं के सिलसिले का मायने भी न थी।
फिर गलतफहमियों में जिये क्यों,
जब ज़माने के रश्मों के मायने भी न थी।-