वफ़ा की चाहत में हम जीते रहे, तेरे दिये दर्द के आँसू हम पीते रहे। यूँ तो अक्सर मिल जाते हैं राही, मगर ज़िंदगी में तन्हा हम जीते रहे। -
वफ़ा की चाहत में हम जीते रहे, तेरे दिये दर्द के आँसू हम पीते रहे। यूँ तो अक्सर मिल जाते हैं राही, मगर ज़िंदगी में तन्हा हम जीते रहे।
-
ज़िंदगी के इस पड़ाव का, एक दौर ऐसा भी था। छोड़कर सब आगे निकल गए, तन्हाई का एक दौर ऐसा भी था। -
ज़िंदगी के इस पड़ाव का, एक दौर ऐसा भी था। छोड़कर सब आगे निकल गए, तन्हाई का एक दौर ऐसा भी था।
गर मेरा साया बात करता तो ज़रुर कहता, तन्हा छोड़ गए सब और उन्हे मगरुर कहता। मगर छोड़ न सकूँगा ज़िंदगी भर तुझे, जन्म भर साथ निभाने की बात ज़रुर कहता। -
गर मेरा साया बात करता तो ज़रुर कहता, तन्हा छोड़ गए सब और उन्हे मगरुर कहता। मगर छोड़ न सकूँगा ज़िंदगी भर तुझे, जन्म भर साथ निभाने की बात ज़रुर कहता।
दामन खाली है मेरा दिल के गलियारों में, न हमदम न रहबर है ज़िंदगी के पहरों में। -
दामन खाली है मेरा दिल के गलियारों में, न हमदम न रहबर है ज़िंदगी के पहरों में।
आँसुओं में भीगी रात, भीगाभीगा रहा दिल मेरा। तारों की बारात लेकर, भीना भीना रहा जद मेरा। क्यों आज ये रात भारी, क्यों मेरा ये अक्ष सुना। तारों से भरे आकाश होने पर भी, क्यों ये जग सुना। -
आँसुओं में भीगी रात, भीगाभीगा रहा दिल मेरा। तारों की बारात लेकर, भीना भीना रहा जद मेरा। क्यों आज ये रात भारी, क्यों मेरा ये अक्ष सुना। तारों से भरे आकाश होने पर भी, क्यों ये जग सुना।
रखते हैं सोच तेरे ख्वाबों को हवा दे दें, ज़िंदगी के हँसी लम्हों को हर मर्तबा दे दें। अपने लिए बुन रखे हैं दर्द के जाल हमने, तेरी ज़िंदगी को मगर खुशियाँ हर मर्तबा दे दें। -
रखते हैं सोच तेरे ख्वाबों को हवा दे दें, ज़िंदगी के हँसी लम्हों को हर मर्तबा दे दें। अपने लिए बुन रखे हैं दर्द के जाल हमने, तेरी ज़िंदगी को मगर खुशियाँ हर मर्तबा दे दें।
रात भले ही करती हो मनमानी, मगर रात सुहानी, कहती है कहानी। तन्हाई के आलम में साथी बन, सुबह का वायदा दे जाती है ज़ुबानी। -
रात भले ही करती हो मनमानी, मगर रात सुहानी, कहती है कहानी। तन्हाई के आलम में साथी बन, सुबह का वायदा दे जाती है ज़ुबानी।
चली आओ तुम ज़माने के, सारे बंधन तोड़ कर। प्रीत लगी है अगन लगी, चली आओ तुम दिल जोड़ कर। -
चली आओ तुम ज़माने के, सारे बंधन तोड़ कर। प्रीत लगी है अगन लगी, चली आओ तुम दिल जोड़ कर।
तेरे तसव्वुर की आँधी ने, रात गुलज़ार कर दी। रात के दिल में छुपे अफ़साने ने, दिल ज़ार ज़ार कर दी। -
तेरे तसव्वुर की आँधी ने, रात गुलज़ार कर दी। रात के दिल में छुपे अफ़साने ने, दिल ज़ार ज़ार कर दी।