surender kaliraman  
351 Followers · 636 Following

Brdy 14 july 1994
Fvrt writer - munsi premchand
Physics student
#poetry
Joined 19 September 2018


Brdy 14 july 1994
Fvrt writer - munsi premchand
Physics student
#poetry
Joined 19 September 2018
17 APR AT 11:41

माना कि वो नादान था, पर तू तो समझवान था।
शायद तू समझवान था, इसलिए तुझे मनाना कहां आसान था।।

-


8 JAN AT 12:46

शब्दों का प्रहार, तीर के प्रहार से भी गहरा होता है ।।

-


22 JUN 2023 AT 8:10

माना की वो समझदार है बहुत,
पर इतनी भी नहीं की समझाया ना जा सके।
माना की वो खुद्दार है बहुत,
पर इतनी भी नहीं की अपनाया ना जा सके।।

-


5 JUN 2023 AT 8:07

Part 2

हाथ हिला कर मुझे बुलाते ,
मेरे तन मन को हर्षाते ,
तुम पेड़ों को काट रहे हो ,
धरती का कर नाश रहे हो ।६।

बाबा हम हैं बहुत अभागे,
सच कहते हैं तेरे आगे ,
पेड़ काटने की है लाचारी ,
आबादी की है बीमारी।७।

बीमारी का मर्हम पा गया,
बाबा को था तरस आ गया,
अब लोगों को समझाएंगे ,
और अधिक पेड़ लगाएंगे ।८।

फिर बादल बाबा मुस्कुराया,
तुम जाओ मैं जल्दी आया ,
लौट चले सब हंसते गाते,
बादल बाबा के गुण गाते ।९।

हरा भरा और प्यारा गांव,
देश में सबसे न्यारा गांव।।

-


5 JUN 2023 AT 8:01

।। हरा भरा और प्यारा गांव।।

हरा भरा और प्यारा गांव,
देश में सबसे न्यारा गांव,
एक बार की बात बताएं,
सुनो ध्यान से तुम्हें सुनाएं।१।

बहुत अधिक गर्मी पड़ती थी ,
बिन वर्षा धरती जलती थी ,
बादल बाबा रूठ गए थे ,
ताल तलैया सुख भाई गए थे ।२l

राजू बोला एक काम करें ,
सब बादल के पास चले,
वह पहाड़ पर बैठा है,
गुस्से से कहां है ऐंठा है,।३।

सभी पहाड़ पर पहुंच गए ,
आंखों से आंसू झलक रहे ,
बाबा तुम क्यों ना बरस रहे,
हम सब प्यासे तरस रहे ,।४l

मौन तोड़कर बादल बोला,
गुस्से का तब कारण खोला,
मुझे हैं पेड़ पौधे प्यारे ,
इस धरती के राज दुलारे,।५।

-


20 APR 2023 AT 19:07

आहत हूं मैं समझदारी की बात कर-कर के।
अब तो बावला होने को मन करता है।।

-


14 JAN 2023 AT 0:49

वो रूठता नहीं, क्योंकि उसे मनाना नहीं आता ।
वो मनाता है, क्योंकि उसे रूठना नहीं आता ।।

-


8 JAN 2023 AT 21:55

अगर मैं गुस्सा हूं तो बताओगी ना,
अगर मुझ पर प्यार आएगा तो जताओगी ना,
अगर मैं परेशान होऊंगा तो कम करवाओगी ना,
अगर नाराज़ हूं हंसाओगी ना,
अगर गलत हूं समझाओगी ना,
अगर भूखा हूं खिलाओगी ना
अगर मैं जिद्दी हूं तो जिद्द पुगाओगी ना,
अगर दुखी हूं गले से लगाओगी ना,
अगर कोई समस्या आए तो समझाओगी ना,
अगर चिल्लाऊं तो शांत करवाओगी ना,
अगर बार बार वही गलती करूं तो छुडवाओगी ना,
अगर मैं कुछ भी करने की कोशिश करूं तो हाथ बंटवाओगो ना ,
अगर मैं गुस्सा हूं तो बताओगी ना।।........

-


5 JAN 2023 AT 12:30

माना कि तुम हंसते हो, फिर अंदर ही अंदर क्यों बरसते हो।
यूं तो बहुत लोग परेशान हैं इस संसार में,
पर तुम सब कुछ होते हुए भी क्यों तरसते हो।।

-


25 DEC 2022 AT 21:00

एक मुस्कुराता सा चेहरा, उपर से डर का पहरा ।
चलती है तो शरशराहट सी आती है ,
छुपाती है तो आहट सी आती है,
बोलती है तो हिचकिचाहट सी आती है,
ना जाने क्यों उसके हर काम में मिलावट सी आती है,
तभी तो लगता है एक मुस्कुराता सा चेहरा, उपर से डर का पहरा

-


Fetching surender kaliraman Quotes