Surbhi Kummalwar   (सुरभि कुम्मलवार)
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Joined 8 September 2018


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20 JAN 2021 AT 20:21

और वह कह जाते है , मिथ्या भरी बातें ;

उन्हें ज्ञात नहीं

उनके बोले झूठ तैरते रहते है ,

निर्वात में "अनंतकाल " तक ..!!



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7 NOV 2020 AT 8:15

मैं गंभीर नहीं तो ना सही
लेकिन मैं गंभीर ही हूं
हां हूं मैं शोर सभा का
लेकिन हूं सभा का धैर्य भी
हां मै चीखता चिल्लाता हूं
लेकिन हूं धरा का मौन भी ..

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17 SEP 2020 AT 3:27

फिर एहसास होता है
कितना अंतर है लिखने में
विचारों को अक्सर रोप देते है सफेद मिट्टी में
लेकिन जब भावनाओं का वक़्त आता है दरकिनार कर जाते है
अपनी भावनाओं के अस्तित्व को नकार देते है
और जलते रहते है भीतर
क्या सचमुच इतना कठिन होता है - सच लिखना
शायद नहीं ...
या शायद कमज़ोर पड़ जाते है
अब लगता है काश भावनाओं के बीज रोप दिए होते
कमज़ोर तना कभी तो दरख़्त बनता ...

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14 SEP 2020 AT 21:40

मैंने जो भी चाहा
जिससे भी प्रेम किया ;

सदैव मेरे निकट रहा
श्रृंगार के दूसरे पहलू से मेरी दूरी बरकरार रही हमेशा ,,

जब मन चाहा निहार लेती हूं
मेरी हर चाहत क्षितिज जितनी करीब है...


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28 AUG 2020 AT 22:48

जीतना चाहते है हम ..
.
.

और फिर

एहसास होता है

हार जाना बेहतर है ..




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16 AUG 2020 AT 22:55

हां...

अब भी तुम्हारी भेजी बारिशें
मेरी आंखे चूमती है ;

जानती हूं ..
.
.

तुम्हे पसंद है
भीगी बूंदों में मुझे "भीगा - सा" देखना ...!!


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9 AUG 2019 AT 23:45

और वह सूखा वृक्ष
आज भी प्रतीक्षित है
काले मेघ का ;

मृदु पत्रों से वृंत का
पुनः रक्षावरण देखने ,,
अधीर है ;

फलों का उन्माद
पुनः चहुंओर बिखेरने की कांक्षा है

क्यूंकि... चाह है ,,
फिर इक नीड़ की

सूखे वृक्ष को
पुनः कलरव की अभिलाषा है
क्यूंकि ..
.
.
घृणा है उसे - " एकांत से " ।।

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8 AUG 2019 AT 13:46

अबोध शिशु की भांति
प्रेम को मुट्ठी में भिचने की चाह ,,
और अब,
प्रेम से लिप्त है वह ;

अनभिज्ञ था इस बात से -

प्रेम तितलियों - सा होता है
स्पर्श कर, लौटने पर ;
उंगलियां रंग जाती है
उन्ही रंगों में - " सदैव के लिए " ।।

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9 FEB 2019 AT 20:29

प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दूं..जरूरी नहीं ,

कर्ण को चुभे जो स्वर कर्कश ,
हो उनकी प्रतिध्वनि ..जरूरी नहीं ;

बन जाऊं जो कभी " मूकबधिर - सी " ,
कहो कोई आपत्ति तो नहीं ।।

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28 AUG 2020 AT 22:31

बेहतर है

भीतर से भरा होना ...
.
.

भीतर से रिक्तता

भीतर तक तोड़ जाती है ... !!



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