Surbhi Jain  
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~@कविता का मर्म जानना हो
तो उसे कागजों से निकालकर रूह तक ले जाओ,,😊😊
Joined 14 August 2020


~@कविता का मर्म जानना हो
तो उसे कागजों से निकालकर रूह तक ले जाओ,,😊😊
Joined 14 August 2020
26 DEC 2024 AT 19:09

भावनाओ को अहमियत देने वाले

शब्दों के मकड़जाल मे नहीं फसते

वें जानते है

शब्द महज़ एक भ्रम है

भावनाएं ही असली वक्तव्य....!

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26 DEC 2024 AT 18:59

एक माता पिता के लिए

सबसे बड़ा दुःख होता है

अपनी संतान का बदल जाना

और उन्हें यह महसुस करवाना की

उन्होंने उसके लिए कुछ नहीं किया ....

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15 DEC 2024 AT 12:23

मोह ही दुखों का कारण हैं।

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31 AUG 2024 AT 21:09

स्वाभिमानी और साहसी होती है
वह लड़कियाँ

जो भरपुर आजादी मिलने पर भी
अपने संस्कार और मर्यादा
नहीं भुलती !

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28 AUG 2024 AT 21:26

यह जो कुछ लोग
social media पर आपकी story post
पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते है न
वास्तव में,
यही वह महान आत्माएं है
जो आपकी खुशी बरदास्त कर सकेंगे
बाकी कुछ तो
यह देखने आते है की आपके जीवन मै चल क्या रहा है?

और शेष तो बस Audiance है

जिन्हें बेहतरीन दिखाने के मोह में
लोग इतने बंधे हुए है ।

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25 AUG 2024 AT 21:14

तुम समंदर नहीं..
किसी के लिए ' नदी' बनना...

बेघर सी, किसी के लिए हमेशा चलना,
उबड - खाबड रास्ते से गुजर कर
अपना रास्ता स्वयं तय करना,
मरुस्थल का सोना बनना,
किसानों की नई उम्मीद बनना,
तपती जमीं को शीतल करना,
बच्चों के कागज की कश्ती बनना,
बुज़ुर्गों के होठों की मुस्कान बनना,


"हां तुम समंदर की भांति दृढ़, अहंकारी नहीं
नदी सी शान्त , सहयोगी बनना".....

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24 AUG 2024 AT 21:17

सफलता की कहानियों से बेहतर है
तुम असफलता की कहानियाँ पढ़ो,

वह सिखाएगी तुम्हे ' जीवन जीने की कला '
वह दिखाएगी तुम्हे 'हार के बाद जीत का रास्ता'
वह बताएगी तुम्हे ' कैसे टुटा हुआ सपना फिर से जोडा जा सकता है'

और परिचय करवाएगी तुम्हारा
' सफलता की बाहरी चमक और रुतबे के पीछे की
मेहनत , जुझारूपन , तकलीफ, संघर्ष , होसलो की बुनियाद से '

तभी शायद तुम बना पाओगे
इस समाज से परे स्वयम का एक समाज
और ढूंढ पाओगे
कुछ खोकर कुछ पाने की जिज्ञासा

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13 JUN 2022 AT 16:42

जो अनाथ होता है
वह दुनिया की तमाम खुशियाँ
सबसे अंत मे प्राप्त करता हैं।
जहाँ उसकी चाहत खत्म हो जाती हैं

पुनः वह नये सपने बुनता हैं
और दुनिया से लड़कर आगे बढ़ता हैं
पर उसके कुछ अपने ही
हेसियत का एहसास करवा कर गिरा देते है उसको

और...
अंत मे वह रह जाता है हमेशा के लिए अनाथ...

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22 NOV 2020 AT 20:31

दिनभर की कुछ पूंँजी कमाई है,
किसी ने कहा हैं ...
"अच्छा लगा तुमसे बात करके"

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12 OCT 2020 AT 21:27

यूँ तो हजारों उलझनें है तुझे कहने को
मगर ...
तेरे सुकून-ए-दरबार का करिश्मा ही अलग है
जब भी आता हूंँ निःशब्द हो जाता हूँ ।

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