इतने ऊपर कहाँ बैठ गए!
मैं नहीं चढ़ सकता न वहाँ,
इसलिए नहीं कि मैं चाहता नहीं,
इसलिए क्योंकि तुम थोड़ी ऊपर
और चले जाओगे।
मेरा आना व्यर्थ है, तुम ही आ जाओ!
साथ बैठते हैं, पहली बार,
मेरे स्तर पर बैठने से दिक्कत न हो,
इसलिए मैं घुटनों में ही रहूँगा!
मेरा कर्तव्य है, क्योंकि
साथ बैठने का प्रस्ताव तो,
मैंने ही रखा था न,
इसलिए भी और आदत न
तुम्हारी है न मेरी.....-
Suraj
(सूरज)
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दिल तुम्हारा हो गया तो हो गया..
एक तुम थे जो सदा ही अर्चना के गीत थे
एक हम थे जो सदा ही धार ... read more
एक तुम थे जो सदा ही अर्चना के गीत थे
एक हम थे जो सदा ही धार ... read more
Joined 6 June 2018
11 MAY 2021 AT 22:59
30 OCT 2020 AT 23:20
इतनी खुशियाँ क्यों बांटते हो बाहर,
अंदर तुम्हारे अपने दुखी बैठे होंगे...-
5 JUL 2020 AT 14:29
एक तरफ मेरा दिल धड़कना, साँस लेना कुछ है
एक तरफ सिर्फ तुम्हारा सामने होना बहुत कुछ है-
1 JUL 2020 AT 21:23
ज़िन्दगी भर चुप रहे, कोई खै़रियत भी पूछे तो,
हमने आँसुओं की भाषा में ही जवाब दिए...
समझने की कोशिश करते रहे समझदार,
कुछ गले लगे और आँसू मेरा पोंछ लिए...
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1 JUL 2020 AT 15:36
हार - ए - हर्फ़ बयां नहीं हुई कुछ दिनो से,
पर मैं अब भी तुमको मोहब्बत करता हूँ-
28 JUN 2020 AT 15:29
कुछ खुशियाँ आई, कभी ग़मों का मेला लगा,
ज़िन्दगी के इस खेल में यें वक़्त गुज़र जाते हैं..
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28 JUN 2020 AT 9:56
जो निकला मैं लोगों में दिल ढूंढने,
दिल तो नहीं मिला पर रास्ता भटक गया हूँ...-
26 JUN 2020 AT 23:27
मोहब्बत का सिलसिला बहुत जन्मों का होता है,
फख़त लम्हों की दिल्लगी मोहब्बत नहीं होती जनाब...-