Teri Hansi se sawan aaya
Khamoshi mei shor dekha
Aaj bhi aankho mei h tasveer teri
Maine tujhe itni gaur se dekha
Julfo ki ghata jb chhayi
Kheto mei nachate mor ko dekha
Teri aankhon ke gehre samundar mein
Maine khud ke gotakhor Ko dekha ❤️
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When you are in love, everything is beautiful.. can't be expressed only fe... read more
मैं लड़ता वीर लड़ाके सा, तू किसी राजा के सर का ताज प्रिय
गर कोई जुगत से मिल जाओ मिट जाए मन का प्यास प्रिय।।
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उम्र हमारी छोटी है, पर इश्क हमारा काबिल है
प्रेम हमारा निश्छल है ,मनमीत हमारा ही कल है
समाज सर्प सा आता है ,उस प्रेम को वह डस जाता है
ऊंच-नीच और जात-पात में सबका मन उलझाता है
राधा-कृष्ण को पूजा करते हैं ,घर कि राधा से डरते हैं
जो हाथ स्नेह से उठते थे ,कातिल बन घुमा फिरते हैं
वह देख हमें घबराती है हम देख उसे गुर्राते है
चार लोग बतियाते हैं, पानी-पानी हो जाते हैं
जब सब को समझाना दुश्वर सा हो जाता है, तब वह नौबत आती है
लड़कियां भाग जाती हैं 😢😢-
कहां हो कैसी हो कुछ तो बताओ न
याद आ रही है कॉल मिलाओ न
दिल की बातें को ऐसे छिपाओ न
खुश हो अगर तो स्माइल दिखाओ न
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दोस्तों की टोली थी यारों की बारात
जमा हो जाते जहां सभी किस्मत भी करती बात
स्कूल के वो दिन थे निराले बड़े यार
तकरार और इनकार में भी बरसता था प्यार
केमिस्ट्री के पीरियड में बायोलॉजी की पाठ
हिस्ट्री की कहानियों में सर के दबे हुए राज
स्कूल बन चुका था मैट्रिमोनियल का गेट
मैथ पीरियड में होती थी संकटमोचन से भेंट
बायोलॉजी कि मैंम भी प्यारी थी यार
उनके पीछे भी लगी थी लंबी कतार
डायरेक्टर सर भी डूबे रहते ग्लास वाटर और मोर में
किन किस्सो को सच माने पता ना चलता था शोर में
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नैन रहे बेचैन रैन में
कत्ल करते जज्बात प्रिये
तेरी मोहक मुस्कान से
खिल जाता गगन आकाश प्रिये
गलियों से यूं गुजर गए
मन में मिलने की आस लिए
खोजा ढूंढा पर पाया ना कुछ
लौट आए बरसात लिए
भोली संगत ,गोरी रंगत
हो जैसे सांसो की सांस प्रिये
सूरज की किरणों सी पावन
हमारी ये मुलाक़ात प्रिये
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घास की रोटी खाएंगे सर अपना नहीं झुकाएंगे
जंग खाई तलवार को रणभूमि में चमकाएंगे
जब एक लाख को काटेंगे तेरी सेना को बाटेंगे
लहू का दरिया बह जाएगा सियार मजे से खाएगा।।
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कोई और नहीं वह राणा था राजपूतो में सयाना था
अकबर को घुटने गिरा दिया हल्दीघाटी में सजा दिया
चिंगारी बन चेतक पर मुगलों की लंका जला दिया
वीर बड़ा स्वाभिमानी था, हमें गर्व करना सिखा गया ।।-
एक साया सामने आता है दिल पागल सा हो जाता है
दो तीखे चंचल नैनों से फिर हमें फसाया जाता है
वह देख हमें मुस्काती है, हम देख उसे इतराते हैं।
उसकी पायल के घुंघरू की आवाज सुनाई देती है
यू पास हमारे आती है निकट से गुजर जाती है
इक चीट गिराई जाती है ,जो सिर्फ नजर हमें आती है।
हम चीट पढ़ चिल्लाते हैं उसमें उसका नंबर पाते है
बिना बोले वो हंसती है हमें पागल समझती है
हम कल्पना में खो जाते हैं ,सपने सच हो जाते हैं।-
तुम्हारा सामने आना
मेरा घुटनों पे बैठ जाना
तुम्हारा मुस्कुराकर हाथ बढ़ाना
आंखों में देखकर मेरा किस कर जाना
रोमांटिक लगता था ना अब lusty क्यों लगता है
शायद अच्छे से घर देख लिया तुमने
याद है यू रेस्टुरेंट में अपनी फेवरेट डिसऑर्डर करना और
मुस्कुराकर मेरी तरफ देखना
(मुझे पैसा और घर नहीं तुमसे प्यार है)
मैं भी खो जाता था उन बातों में
फिल्म को सच मानकर डूब गया था उनमें
बिना पलके झुकाए एक दूसरे को निहारे रहते थे हम
रोमांटिक लगता था ना अब lusty क्यों लगता है
मैं अपार्टमेंट्स में नहीं रहता उसकी मुझे औकात नहीं
कार स्कूटर छोड़ो साइकिल भी मेरे पास नहीं
जब बोला था तुमने पसंद करती हो मुझे कंफ्यूज गया था मैं
तुम महलों की राजकुमारी मैं गली का गवार
रोमांटिक लगता था ना lusty क्यों लगता है
तुम घर आई थी मेरे शुरु हो गए फेरे
बिना टाइल्स के घर देख होश उड़ गए तेरे
उस पल तुमने भाप लिया मेरी कीमत आंक लिया
आंखें बंद फिर ध्यान किया बिना लड़े ही ज्ञान दिया
(मैं तुमसे प्यार नहीं करती । तुम lusty लगते हो)
छोड़ कर जाना चाहती होतो जाओ
पर एक बार रीजन सही बताओ
Lusty नहीं गरीब हूं मैं।-
इंतजार...
खुशीयां भी कम पड़ जाती है
छोटे लम्हों में लंबी दूरियां याद आती है
यादें फ्लैशबैक बनकर गाती है
इंतजार के लम्हों को मुश्किल बना जाती है
एक पल-एक वर्ष के बराबर होता है
आंखों के ऊपर आक्रोश का साया होता है
चेहरे पे सिकन दिल में शोर
ख्वाइशों की उमंग उम्मीदों पर जोर
सिलवट संभालते चाहतों की छोर
छोटी सी आवाज ध्यान कॉरीडोर
इंतजार.....-