मेरी आंखों की हसीं वो खाब दे दो..
गुजरती हर रात का तुम हिसाब दे दो...
गर करना हो इनकार तो कोई बात नही....
मगर हां या ना...., जवाब तो दे दो...-
एको अहम दूजो न अस्ति ।
न भूतो , न भविष्यति ।
बहुत सज संवर के
मेरे दिल का मेहमान आया है...
शाम हसीन है और
तूफान आया है..
अरे मोहब्बत के कॉलेज का दाखिला दिला दो...
इश्क मे हमारा इम्तिहान आया है..-
हालत ए खुशहाल में...
हमसाये बने जाते है....
थोड़े से बदहाल में...
पराये बने जाते है....
ये नाते रिश्तेदार है जनाब...
निकालते है मतलब अपना फिर...
हैसियत देखकर कभी अपनाये तो कभी ठुकराये चले जाते है।।.-
ख्यालों मे तेरा किरदार ,
जिंदा है...
टूटे हुए दिल मे ये प्यार ,
जिंदा है...
यूं तो राहे जुदा है अपनी मगर शायद,
हो फिर से मुलाकात, ये ऐतबार....
जिंदा है..
-
आओ कभी फुर्सत में ऐ दिल...
बाते भी अधूरी है..
और है कुछ सवाल भी...
-
ख्वाहिशें हमारी बस एक
सवाल बन गई है...
गुजरते हर वक्त का
मलाल बन गई है..
फुर्सत मे रहु तो ख्याल आता है अक्सर,
क्या सच में जिंदगी हमारी..
बवाल बन गई है..-
जिसकी चाह थी दिल में....
वो मेरा मुकद्दर न बनी....
खुदा तेरा ये मजाक
अच्छा था..-
अंजान था शहर
और रास्ते वीरान थे..
थी रात भी घनी
और दूर कुछ मकान थे..
बादलो की गर्जन
और उठ रहे तूफान थे..
मेरे पास बस तुम थी
और कुछ कदम के निशान थे..
काश लौट आये फिर वो सफर
जब हम दो जिस्म एक जान थे..-
न इतंजार किसी का अब..,
न प्यार किसी से.....
न कोई दोस्त हमारा ,
अब न हम यार किसी के..
कुछ तो खास है ये ....
सर्द भोर सुहानी..
चलो करते है अब ,
नयी शुरुआत यहीं से..-