रो कर रातें गुजारा भी है
ख़ुद को बिगड़ कर संवारा भी है,
जिन्हें सिर चढ़ाया था हमने
उन्हें जमीं पर उतरा भी है।
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Suraj Shukla
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Joined 17 June 2020
12 APR AT 1:05
11 MAR AT 1:46
इतना हमें पहले सताया भी नहीं गया
हक़ तुम पर हमसे जताया भी नहीं गया,
धोखा मिला इस क़दर मोहब्बत में
हमें मौत भी आई तो तफ़नाया भी नहीं गया।
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24 FEB AT 23:02
वहीं दिल तोड़ जाते हैं,
वादों के तलवार चलाते हैं
रोने के लिए छोड़ जाते हैं।-
24 FEB AT 22:57
तुम कभी अपने थे
इल्ज़ामों के तले दबाएं गए हम
आंखें खुलते ही पता चला,
वो पुराने सपने थे-
24 FEB AT 22:49
तुझे कभी अपना देखा था ,
आँखें खुलते ही यही ग़म हुआ
रिश्ता था, जो वो कब का ही खत्म हुआ।-
12 FEB AT 12:18
प्यार बहुत है बताया था तुमने,
मुझको जीना सिखाया था तुमने
दिल तोड़ के बेवफा बनाया था तुमने-
4 FEB AT 20:13
टूट कर बिखर जाना पड़ता है
उन गलियों से लौट आना पड़ता है,
घाव बहुत है बदन पर मेरे
दर्द में भी मुस्कुराना पड़ता है।
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25 JAN AT 2:25
क्या पता था हम पर ऐसे सितम होंगे
जतन से मिलने वाले के भी लाख जतन होंगे,
जिनकी आंखों में पानी तक नहीं देखा जाता हमसे
उनके ही हम पर जुलम होंगे।
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