तीरगी में रोशनाई कौन देगा,
हाल पर मेरे दुहाई कौन देगा।
माँ नहीं है जिनकी, उनके बारे सोचो,
सर्द रातों में रजाई कौन देगा।
-
जाओ सुनकर ऐसे ही कुछ भी समझ ना आएगा।
बन सँवरकर वो गली से जब गुजरती है,
क्या बताएँ हम कि दिल पे क्या गुजरती है।-
नहीं कुछ ख़ास तुझमे पर तेरी इक बात अच्छी है,
कि तूने चंद सिक्कों के लिए ईमान नहीं बेचा।-
कुछ नहीं है पास मेरे तुझको क्या दूं मैं,
तू हमेशा खुश रहे बस ये दुआ दूं मैं।
चंद ग़ज़लें हीं सनम, जागीर मेरी है,
तू इशारा गर करे तो, सब लुटा दूँ मैं।
चाँद तारे की भला मुझको जरूरत क्या,
एक बिंदी माथे पर तेरे सजा दूँ मैं।-
आजमाकर देखो तुम यहाँ सभी को,
इतने दीवाने तुम्हें बस हमीं मिलेंगे।
इस मुलाक़ात को आखिरी समझ लो,
अब के बिछड़े तो शायद कहीं मिलेंगे।
सोच कर हिज्र घबरा गया हूँ अब मैं,
कहने को कह दिया की_नहीं मिलेंगे।
-
रश्क़ होता है मुझे उस चाय के प्याले से भी,
चूमता है रोज़ क्यों तेरे गुलाबी होंठ वो।
-
एक लड़के पर हुआ है, इश्क का ऐसा___असर
वो मोहब्बत लिख रहा है,दर्द लिखना छोड़ कर।-
दो चीज ही प्यारी मुझे,दो चीज पे ही निकले दम,
पहली तो ये हिंदी सनम,दूजी तेरी बिंदी सनम।
-
दो चीज ही प्यारी मुझे,दो चीज पे ही निकले दम,
इक तो मेरी ये हिंदी है,दूजी तेरी बिंदी सनम।
-