हम जी रहे हैं दिन जो हैं वो खून पसीनों के
कुंभलाई है धरती लहू से उन वीर नगीनों के
इंकलाब जिंदाबाद हर ज़ुबां का मंत्र बना है
आज भारत में जन-जन से गणतंत्र बना है।।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
🇮🇳-
बना हूं मैं भी मिट्टी का बिखर तो जाना है, वरना
हकीकत मौत है जीवन की तो दिखावा क्या करना।-
मंजिल तलाशता हूं
कहना चाहती है कुछ मुझसे परछाई मेरी
क्या मैं ही रास्ता हूं।-
न ग़ज़ल लिखता हूं न कोई शमां लिखता हूं
मैं टूटे हुए दिलों के बस अरमां लिखता हूं,
मुझे अपनों ने सिखाया है दर्द देकर सहने का हुनर
उन्हें मैं शुक्रिया के शिवा कुछ और कहां लिखता हूं।-
उसके रुख़ से पर्दा हटने से जिस दिल को सुकूं मिला था।
आज उसके ज़मीर से पर्दा हटने से वही दिल बैठ गया।-
जद्दोजहद की गलियां थीं
अन्जाना अंधेरा था
उसी गली में घर मेरा था।
आज निराश है जिंदगी
कल हंसती थी
ख़्वाबों की इक बस्ती थी।-
🪔🪔🪔
सफलता की राह में जीवन के अंधेरे को खत्म करने के लिए आपके हौंसले का दिया
सदैव जलता रहे।
🪔🪔🪔
।दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।-
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
जय माता दी
शुभ नवरात्रि-