Suraj Dadarwal   (SURAJ DADARWAL❤)
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🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Joined 25 May 2021


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Joined 25 May 2021
6 JAN 2024 AT 20:47

हर इन्सान अपनी जिन्दगी में struggle कर रहा है, फिर चाहे वो अपनी किस्मत से हो, समाज से, आर्थिक स्थिति से हो या अपने अस्तित्व से हो ,चाहे अपने अंदर के भावों से हो या फिर अपने अंदर बैठी उदासी से...
उदासी अक्सर इस कदर हावी हो जाती है की सब कुछ होते हुए भी लगता है कुछ नहीं है,यह दुनियां अपने लिए है ही नहीं,
जैसे किस्मत लिखने वाले ने अपनी बारी पे कलम बंद कर दी हो,
लेकिन इसे पार पाना ही हमारे जीवन का लक्ष्य है,
जब दुनियां में आ ही गए हैं तो टाइमपास करने से अच्छा है कुछ कर के जाएं,
ताकि मरने के बाद लोग सिर्फ़ दिखावे के लिए हमारे लिए न रोए, उनको हमारेअच्छे कर्म याद आने चाहिए, कमी महसूस होनी चाहिए,
दुनियां से धन्यवाद कहलवाना है।
माना की कोई भी हर प्रस्थिति में सकारात्मक नहीं रह सकता, सब टूटते हैं बिखरते है, ऐसी स्थिति में 100% बिखरके ऐसा निखरो की तोड़ने वाला भी हमारी विजय का जश्न मनाएं।

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15 MAY 2022 AT 13:20

दिन-बदिन,
तेरी आदत मुझको लगाए जा रहा है।
तुझे पाया नहीं अबतक,
तुझे खोने का डर सताए जा रहा है।
मेरे हाथों से छीनकर,
अपने हिसाब से जिंदगी चलाए जा रही है।
तेरे न होने से,
दिल मेरा, अब बैचेन सा होता जा रहा है।
कुछ हुआ है अलग,
तेरे जाने से, बताए जा रहा है।
एक बार फिर से,
मुझको जीना, सिखाए जा रहा है।

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15 MAY 2022 AT 13:10

दुष्यंत जी से प्रेरित हो कर आज के हालातों पर कुछ पंक्तियाँ लिखने की कोशिश की है

आज ज़रूरत है दुष्यंत की,
हर कविता में गंगा बहनी चाहिये ।
हाथ चाहे कितने भी कमजोर हो, मगर हर हाथ में कलम दिखनी चाहिये ।
फिर हिला देंगे ये बुनियाद भी, पहले दुष्टता की ये दिवार गिरनी चाहिये ।
अब बारात हो या वारदात, मेरे शहर की हर खिड़की खुलनी चाहिये ।

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3 APR 2022 AT 23:21

कहाँ पर क्या हारना है...
ये जज़्बात है, जिसके अंदर
चाहे दुनियाँ फकीर समझे...
फिर भी वो ही सिकंदर है !!

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3 APR 2022 AT 1:30

वो माने या ना माने...
हमने दो लफ्ज बात क्या की...
आजकल दिनभर
उन्हीं का ख्याल आता हैं...!!
🥀💯❣️🌹🙂

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16 DEC 2021 AT 23:03

It is written in the " 𝐆𝐄𝐄𝐓𝐀 "

Do not back down from your work and show it by being successful in it because the intellects of sane people are certainly very secretive and infinite, which will not allow you to live.

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14 DEC 2021 AT 15:09

लहज़े ही बयां कर देते हैं ...
परवरिश हुई है ,
या सिर्फ पाले गए हो ...!!

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13 DEC 2021 AT 22:57

संघर्ष पिताजी से सीखिये...
संस्कार परिवार से..
बाकि तो दुनिया तुम्हें सिखा ही देगी 🙂

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13 DEC 2021 AT 16:17

ढलते दिसम्बर के साथ हमारी सारी गलतियां माफ़ कर देना यारों..
क्या पता अगले दिसम्बर तक हम रहे या ना रहे..

IG👉 @suraj.dadarwal

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18 JUL 2021 AT 18:21

छोटे स्तर पर किए हुए कार्य तथा बात- व्यवहार का
बड़े स्तर पर अपना प्रभाव दिखता है।
आज ज़रूरत है पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर एक दूसरे का हाथ थामने और सहयोग प्रदान करने की जरूरत है

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