दिल ने जब भी कुछ कहा
मैंने वैसा कब किया है,
पर तुम हां लेकर आओ...
मैं इज़हार को तैयार हूं।
ये बात और है के किसी पे हुआ नही,
गर तुम वफ़ा लेकर आओ...
मैं ऐतबार को तैयार हूं।
तुम्हे वक़्त चाहिए तो लेलो जितना चाहो...
तुम्हारे वक़्त के लिए मैं इंतज़ार को तैयार हूं।
मैं भी किसी को चाहूंगी ये सोचा कब था मैंने,
मगर तुम प्यार लेकर आओ...
मैं प्यार को तैयार हूं।-
जहां वक़्त ने हमे छोड़ा था...
तन्हाई के इस मंजर में
हमने पहले भी बहुत कुछ खोया था...
क्या पता था तक़दीर हमे
फिर यही ला के खड़ा कर देगी
जहां पर सवेरा कम,
हर जगह अंधेरा ही अंधेरा था...
हम फिर वहीं जा पहुँचे-
की काश किसी रोज़
तुम मेरे करीब आजाओ...
गर करीब ना आ सको
तो किसी ख्वाब में ही
मुलाक़ात मुझसे कर जाओ...
बिना पूछे तुम सवाल कोई
आंखों से मेरे जज़्बात को
समझ तुम जाओ...
क्या सही क्या गलत का पर्दा हटा कर
काश तुम मुझे अपना बनाओ।
रात यही ख्वाब बुनती है...
-
I realized Destiny doesn't want us together on the same page.
-
की तुझमे अभी भी कुछ है खास
कोई करे ना करे
तू कर अपने पे पूर्ण विश्वास
समझाती है रात
की खुल के कह दे तू अपने मन की बात
फिर देखा जाएगा कौन जाता है दूर
और कौन रह जायेगा पास
समझाती है रात.....-
मैं अपनी रूह से
एक सवाल कर रही थी,
अंजाम जानते हुए भी
खुद की ज़िंदगी मे
बवाल कर रही थी।-
बस यूं ही नही बन जाता...
उसे कदम कदम पर धागों से पिरोना पड़ता है
खयाल रखना पड़ता है कि दिलों में दरार न पड़ जॉए
मानो कच्ची कली जैसा होता है ये रिश्ता
उनकी जड़ों को प्यार के समंदर से सींचना भी पड़ता है....
गर वो मुरझा भी जॉए
तो अपना दीनो धर्म भुला के
मनाना भी पड़ता है
बस यूं ही नही बन जाता...
कोई भी रिश्ता...-
Question Yourself to the fullest... You will get ans at the end!!
-
है तो हम में जीने की चाह है
दोस्ती बिना चाय की चुस्कियों में भी मज़ा कहाँ है
दोस्ती से होता है जग सारा रौशन
हमारी दोस्ती नही तो हम यहां तभाह हैं
दोस्त समझते हैं
दोस्त समझाते हैं
हमको वो सही गलत का अंतर बतलाते हैं
सच्ची दोस्ती गर हो गयी नसीब
तो मानिए नही हैं आप कोई फकीर
हर किसी को नही होती ये जन्नत अदा
हमे हैं.... तो करना पड़ेगा हमे भी एक वादा
की दोस्ती की राह में हम हमेशा साथ चलेंगे
गिरेंगे पड़ेंगे फिर भी साथ नही छोड़ेंगे...
तो ऐसी है हमारी दोस्ती....
दोस्तों से ही है जीवन मे मस्ती।।
-