चाहत की दीदार नसीबो से मुकमल होती है , वो मेरे जहन के दिल में हमेशा करीब होते है । चेहरा उनका दीदार चमन में फूल सा खिला नज़र आता है , उनके मुलाक़ात के बिना कहा ये शाम ढल पाता है , उन्हे मालूम है मेरी कस्तियों की हकीकत , उनके बगैर मेरा वजूद कहा नज़र आता है ।