Surabhi   (life.--)
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Joined 26 December 2018


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11 JAN 2022 AT 2:09

किसके बाबा,किसकी दादी रहती है साथ,
खुशकिस्मत होते हैं वो,जिनके दोनो होते हैं साथ।

कैसे कोई समझे,क्या बितती है हमपर
लोग बस आते हैं,हाल चाल पूछते हैं
बातों बातों में ये जरूर बोल जाते हैं.. उमर हो गई, क्या कर सकते हैं।

कैसे समझाएं, इतना दर्द भी कैसे संभालें?

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9 MAY 2021 AT 10:50

मां होती है एक
उसके रूप अनेक।
कुछ करते हैं मान
कुछ करते हैं अपमान।

एहमियत कहां ही पता चल पाती है
खुद को हमारे प्रति समर्पित करती है
कहीं कोई आंच न आए
यही दुआ करती है।
अपनी ममता बिखेरती है
कोई अपमान करे
खुश कैसे रहे?

खुश कैसे वो रह पाएगा
मां ने इतना प्यार दिया
लगा जैसे की जान भी दे दिया।

बस तसल्ली है
सब ऊपर से वो देखते हैं
लेखा जोखा वो पूरा करते हैं।

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8 MAY 2021 AT 0:17

कुछ एसा हो जाए, जो अपने हैं
वो साथ रह जाएं
माना हर कोई अपना है हर किसी के लिए।

कैसा ये मोह है, पता है जाना सबको है एक दिन!

क्या करें बस इस तरह नहीं देखना चाहते किसका दूर जाना।

बुला लेना हे शिवा, मना नहीं करते हम
पर कुछ ऐसे बुलाएं की डर की जगह खुशी हो सबको।

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20 APR 2021 AT 21:55

हो जाती है हर ख्वाईश पूरी
ज़रा शिद्धत से चाह कर देखो तो सही।


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3 DEC 2020 AT 3:11

What attracts you?
Umm, Uniform

Wanna be with one?
Naah, wanna be One☺️

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2 NOV 2020 AT 17:39

किस्मत थी या लेखा
कुछ ना समझ आ पाया

जिनके इतने पास हुए
उनसे ही इतने दूर हो गए

समय का फेर ऐसा घुमा
सब अच्छा होते होते
सब खत्म सा हो गया।

कभी सोचा भी की सब सही कर दें
पर गलतफहमियां इतनी बढ़ गईं की
ना वो समझ पाए और ना हम समझा पाए।

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29 OCT 2020 AT 13:58

हम थोड़े सही और बनने क्या निकल लिए,
तूने तो वो रास्ते भी बदल दिए जिसे हमने सोचा था अपना बना लेंगे समय के साथ।

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28 OCT 2020 AT 16:42

काश कुछ ऐसा होता
यूं वो दूर ना होता

सही तो सब था अब तक
तो यूं सब गलत सा क्यूं हो गया?

ना गलत था वो
ना गलत थी वो

शायद समय ही सही न था
या समय की ही कमी थी।

सबकुछ संभल जाता, पर संभल कुछ ना पाया।
वरना ऐसा तो न होता।

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19 JUN 2020 AT 0:20

कैसे सबके लिय इतना सोचती हो ,
कुछ इस तरह सबको मानतीं हो
जिंदगी से काफी कुछ सिखा है तुमने
कैसे सबके लिए खुदको कुर्बान कर देती हो?

माना सबको बहुत प्यार करती हो,
दिखता है हमें कैसे मानतीं हो
माना सोचकर कभी उदास भी हुई
पर तुमको क्या पता,
सबसे ऊपर सब तुमको ही रखते हैं।

मुस्कान तुम्हारी सबसे प्यारी,
सबके दिल को सुकून दिलाती
मानो या ना मानो
घर की जान तुम्हीं हो
घर के राजा की रानी तुम्हीं हो।

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18 JUN 2020 AT 21:21

कुछ इस तरह वो आया ,
सबके दिल में समाया

जहां सब ख़ुश थे उसे देख,
कहाँ किसी को पता था
वहाँ सब मुह फ़ेर गए थे उसे देख।

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