बहुत लोग थे पास मेरे,
अपने फिर भी कोसों दूर।
ये कैसी तन्हाइयां है, जो बयां ना हो सकी,
आखिर क्यों रह गया दिल इतना मजबूर?-
अब उनका दीदार नहीं होता,
हम रो देते हैं उनकी यादों में।
मुकम्मल होता इश्क हमारा भी,
अगर तहज़ीब होती उनकी बातों में।-
यूं तो वक़्त ने खुद समझाया था मुझे की,
संभल जा में लौट कर फिर नहीं आऊंगा।
में नादान था समझ नहीं पाया,
अब पता नहीं क्या ही कर पाऊंगा।।
मैने वक़्त से गुआज़रिश करी, वापिस आजा,
इस बार अपनी जी जान पर खेल जाऊंगा।
वो बोला- बेटा वक़्त कहते हैं मुझे,
एक बार गुज़र गया, अब बार बार नहीं आऊंगा।।-
झूठी थी वो बातें,झूठी थी वो कसमें,
तू तो अपने ही किए वादों से,गई पलट।।
तेरे हिसाब से ये इश्क़ है,तो इश्क़ को समझने में,
या तो तू गलत, या तो मैं गलत।।-
हर हिस्से में वो, हर ज़र्रे में वो,
हर पल में वो, मेरे कल में वो।
हर अश्क में वो, हर लहज़े में वो,
मुझमें कुछ इस कदर बसती है वो।।
मेरी आंखों में वो, मेरी सांसों में वो,
बेचैनी में भी मेरा सुकून है वो।
मेरे दिल की हर एक धड़कन में वो,
आखिर मेरी "मॉaa" है वो।।-
You are "YOURS"
I'm "MINE",
That's how some people got
"LOVE DEFINED".
That's not love
I think, but "FINE"
Many downs will come
But the "TRUE LOVE" will "SHINE".
If you don't have "FAITH"
Just follow what you "DEFINED"
Rest leave on the god
As it was already "DESTINED"
Yes I'll be missing you
And will also be "CRYING"
But neither I'll come back,nor you could "FIND"
as you yourself said,
"YOU WERE NEVER MINE"-
I may not be the perfect guy,
That you will do efforts and die for,
But I'm surely the one, that
After loosing,you will miss and cry for-