जो रूठ गया तूतो ना मनाएंगे हम...इस बार जुदा तू हुआ जो अगरतो फिर ना वापस आएंगे हम... -
जो रूठ गया तूतो ना मनाएंगे हम...इस बार जुदा तू हुआ जो अगरतो फिर ना वापस आएंगे हम...
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मांगते थे जिस खुदा से तुझे...छोड़ दिया हमने वो दर भी...जो चाहत थी तेरी यूं जुदा होने की...ले हो गए अब हम जुदा भी... -
मांगते थे जिस खुदा से तुझे...छोड़ दिया हमने वो दर भी...जो चाहत थी तेरी यूं जुदा होने की...ले हो गए अब हम जुदा भी...
अधूरी ही सही पर शुरुआत तो कर.....माना तूने हर मोड़ पर यूं साथ निभाया हैहमने भी तो अपनी हर शाम को तेरे नाम कराया है.... -
अधूरी ही सही पर शुरुआत तो कर.....माना तूने हर मोड़ पर यूं साथ निभाया हैहमने भी तो अपनी हर शाम को तेरे नाम कराया है....
काश तुमसे कभी मुलाकात ही ना होती...इंतज़ार के सिलसिले की फिर यूं शुरुआत भी ना होती... -
काश तुमसे कभी मुलाकात ही ना होती...इंतज़ार के सिलसिले की फिर यूं शुरुआत भी ना होती...
इस खौफ में हम यूं जी नहीं सकते...अपने पास हक से उन्हे रोक तो सकते हैं...पर अपना उन्हे हम कह नहीं सकते... -
इस खौफ में हम यूं जी नहीं सकते...अपने पास हक से उन्हे रोक तो सकते हैं...पर अपना उन्हे हम कह नहीं सकते...
कहां खबर थी हमे...कि बढ़ती उम्र यूं ख़ामोश कर देगी...बांध कर जिम्मेदारियों में हमे खुद से ही जुदा कर देगी... -
कहां खबर थी हमे...कि बढ़ती उम्र यूं ख़ामोश कर देगी...बांध कर जिम्मेदारियों में हमे खुद से ही जुदा कर देगी...
की हम इश्क कर बैठे...और जिससे की है उसे इश्क की दुनिया में बेवफ़ा कहते हैं... -
की हम इश्क कर बैठे...और जिससे की है उसे इश्क की दुनिया में बेवफ़ा कहते हैं...
एक चलन चला है....की सच भी सबको झूठ ही लगा है... ज़िद की खातिर हर रिश्ता दाव पर लगा है...ना जाने किस वक्त को पाने की दौड़ लगी हैकी आज को जीना ही यह इंसान भूल गया है... -
एक चलन चला है....की सच भी सबको झूठ ही लगा है... ज़िद की खातिर हर रिश्ता दाव पर लगा है...ना जाने किस वक्त को पाने की दौड़ लगी हैकी आज को जीना ही यह इंसान भूल गया है...
ना व्यस्त कोई इंसान इतना,ना ही जिंदगी के हालात इतने बुरे हो सकते हैं.....यह तो कलियुग की रीत है,की वक्त पर ही इंसान पहचाने जा सकते हैं.... -
ना व्यस्त कोई इंसान इतना,ना ही जिंदगी के हालात इतने बुरे हो सकते हैं.....यह तो कलियुग की रीत है,की वक्त पर ही इंसान पहचाने जा सकते हैं....
हम यूं ही नहीं मुस्कुराते जनाब...इन मुस्कुराहटों पर हमने आसुओं की बोलियां लगाई हैं... -
हम यूं ही नहीं मुस्कुराते जनाब...इन मुस्कुराहटों पर हमने आसुओं की बोलियां लगाई हैं...