संघर्ष में तपकर ,लिखी जो कहानी,सुकून बन गई।
तराशा जो मेहनत से, जिदंगी कुछ मुकाम हो गई।
चढ़ते,उतरते,ठहरते,संभलते,चलना सीख गए।
जिंदगी की राह में, जिंदगी के साथ हो गए।
कुछ कहानियां परिपक्व हुई पिता के साये में।
कुछ हो गए स्वयं परिपक्व संघर्षों के साये में।
सुप्रिया शर्मा
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I believe in sharing my original work.
Read my thoughts and enjoy my origina... read more
'भारत देश महान है'
यदि हो शांति का विकल्प,
तो युद्ध करना व्यर्थ है।
होती हार- जीत है,
पर जान माल की क्षति,विकराल है।
शांति सर्वमान्य है।
सौहार्द विश्व भावना।
माँ भारती सलाम है।
ज़ज्बा पाक साफ है।
हौसलों की है उड़ान।
भारत देश महान है।
वीर की वीरता ,विश्व विख्यात है।
छल, कपट, द्वेष,राग,
नहीं यहाँ मान्य है।
शक्ति पर भरोसा ,
भक्ति पर भरोसा ।
भारत विश्व विख्यात है।
जय भवानी, जय शिवाजी,
वीर युद्ध भूमि है।
राजपूती शान अपनी।
सिख रेजिमेंट यहाँ ।
मिसाइल मेन कलाम है
कमाल भारत भूमि,विश्व सद्भाव है।
बेटियों का हौसला, है बुलंद।
अस्त्र शस्त्र कलम कौशल,वाक चातुर्य है ।
मधुर, शीतल, रौद्र, रूप
माँ भवानी शान तेरी।
राष्ट्र भूमि है महान।
भारत विश्व विख्यात है।
भारत विश्व विख्यात है।
जय हिंद ,जय भारत। सुप्रिया शर्मा-
'वीर सैनिक'
राष्ट्र धर्म, सर्वोपरि।
सर्वोपरि सम्मान है।
जब हुई अनीति उन्मुक्त।
संहार शंखनाद है।
नहीं, नहीं, व्यर्थ नहीं।
हर जीवन मूल्यवान है।
सर्व शक्ति का प्रतीक,
सैनिक वीर महान है।
करुण ह्रदय, वीर मन,
रिश्तों का अटूट बंधन।
वीर सैनिक देश का,
आदर्श बड़ा सम्मान है।
विजय गाथा बेमिसाल,
आतंक का विनाश है।
वीर सैनिक देश का,
सर्व शक्तिमान है।
सर्व शक्ति मान है।
जय हिंद, जय भारत।
सुप्रिया शर्मा,
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सिंदूर....ऑपरेशन सिंदूर।
मस्तक की आभा,
आन बान है, सिंदूर।
बागडोर बनी, सशक्त नारियां ।
माँ दुर्गा के नौ रूप,
ध्वस्त हुए नौ ठिकाने ,
हिल गई आतंकी जमीन ।
ये देश वीरांगनाओं की धरती।
आन बान शान ,जय शक्ति।
न त्याग से डरी,न जौहर से डरी।
हर पथ पर शक्ति से लड़ी,
भक्ति से लड़ी ।
व्योमिका और सोफिया ने,
व्योम में लहरा दिया परचम।
गगन और धरा दोनों ही हो गए सिंदूरी।
माँ भारती वंदन बारंबार है।
शब्दों की गरिमा और सिंदूर की महिमा।
ऑपरेशन सिंदूर ..बर्बरता व अमानवीय कृत का पराक्रम व शौर्य से दिया सटीक जवाब है।
जय माँ भारती, माँ शक्ति को सलाम है।
सिंदूर सिंदूर मस्तक की शान,
गर्व का बिंदास अंदाज ।
जय हिंद, जय भारत।
सुप्रिया शर्मा, रायपुर-
तिरंगा और सिंदूर
मान देश का, मान मस्तक का।
देश हुआ सिंदूर मय।
लहलहा रहा तिरंगा ,
सेना के प्रताप से।
शांत रहना स्वभाव अपना।
पर अत्याचार का प्रतिकार अधिकार अपना।
सुर्ख लाल, रक्त रंजित,
जीवन की जब टूटी सांसे ।
रोया हर मानव, द्रवित हुई धरा सारी।
निरंकुश, निराधार, अमानवीय व्यवहार।
माँ भारती क्यों सहे? बर्बरतापूर्ण व्यवहार ।
शक्तिशाली वीर अपने, वीरांगनाए साहस से भरी ।
सिंदूर-सिंदूर चमकता बड़ी शान से।
सुर्ख लाल सुर्ख लाल, लालिमा उकेरे।
जश्न जीत का।
देशवासियों की सुरक्षा, परम ध्येय।
वीर सैनिकों, देश सदैव साथ है।
माँ भारती का आशीष, सुरक्षित रखे आपके प्रताप को।
शक्ति से सुशोभित, ललाट चमक रहा।
सिंदूर सिंदूर हर ओर गूँज रहा।
जय हिंद, जय भारत।
सुप्रिया शर्मा
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सिंदूर....ऑपरेशन सिंदूर।
मस्तक की आभा,
आन बान है, सिंदूर।
बागडोर बनी, सशक्त नारियां ।
माँ दुर्गा के नौ रूप,
ध्वस्त हुए नौ ठिकाने ,
हिल गई आतंकी जमीन ।
ये देश वीरांगनाओं की धरती।
आन बान शान ,जय शक्ति।
न त्याग से डरी,न जौहर से डरी।
हर पथ पर शक्ति से लड़ी,
भक्ति से लड़ी ।
सावित्री ने मांग लिए प्राण,
अपने प्रयास से।
रानी लक्ष्मीबाई, आज भी है जोश भरती।
माँ भारती वंदन बारंबार है।
शब्दों की गरिमा और सिंदूर की महिमा,
ऑपरेशन सिंदूर ..बर्बरता के विनाश का पर्याय है।
जय हिंद, जय भारत।
सुप्रिया शर्मा-
खुशहाल थी दुनिया हमारी।
आज भी बाँध रखा सबको नेह प्यार से।
सादगी की अदा मतवाली।
दिखावे से दूरी,खुद से ईमानदारी अपनी।
खुशहाल आज भी है दुनिया,
बस प्यार से सहेजो,अहम को रोको ।
सुप्रिया सहज दो बोल मुख से।
जीवन अविरल अनवरत ।
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नौ महीने,
मानव जीवन के,
बड़े अनमोल होते हैं।
माँ के अंतस में,
जीवोत्पत्ति है।
अंतरिक्ष में गमन,
और नौ महीने में आगमन,
जीवन की महिमा की,
असीम गरिमा है।
सुनीता विलियम्स,
व बुच विल्मोर के सौभाग्य की
बेमिसाल दास्तान।
धरा वापसी की अनेकानेक
शुभकामनाएँ!
उत्सुक बहुत हम सब
जानना बहुत कुछ...
आपके अनुभवो की
सच्ची कहानी....
अनुभव आपके, सपने हम सबके l
धरा वापसी की अनेकानेक
शुभकामनाएँ!
सुप्रिया शर्मा— % &— % &-
बड़ी ग़ज़ब की होली, बड़ी अलमस्त होली।
भक्त और भगवान की,आशीष की होली।
श्रद्धा और सुमन की पावन ये होली।
होली रे होली,बड़ी बिंदास होली।
महानुभावों की महान होली।
नौनिहालौ की अनमोल होली।
अपने शहर, अपने परिवार की,
बड़ी आत्मीय होली।
सभी सज्जनों की सद्भाव की होली।
होली रे होली बड़ी अलमस्त होली।
रंगों की फुहार, वासंती बहार।
मनभावन है होली,घर घर है होली।
प्यार की बहार ,अपनत्व की मिसाल।
बेमिसाल है होली।
होली रे होली , सदाबहार है होली।
प्रीतम की होली,प्रेयसी की होली।
होली रे होली,बड़ी बिंदास होली।
सुप्रिया शर्मा
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पिता पुत्र
पिता-पुत्र का रिश्ता, अनवरत
नदी के दो किनारे।
रहें साथ-साथ ही सदा।
पर सदैव, एक आदर्श दूरी का पालन ।
प्यार असीम, बंद मुट्ठी में समाया।
जरा सी मुस्कुराहट से,पीठ को थपथपाया।
डगमगाए पैर यदि,
कर्कश ध्वनि,
हर संभव प्रयास से सॅभाला।
पिता-पुत्र का रिश्ता अनवरत।
हर कसौटी पर है कसना।
हर रिश्ते को है समझना।
भावुक बहुत,
पर गंभीरता व्यवहार में रखना।
पिता-पुत्र का रिश्ता अनवरत।
शान मेरी बढ़े, जब कद हो ऊँचा।
फक्र मुझे हो,जब कसीदे पढ़े जमाना।
बेटा बढ़े आगे,आरजू हर किसी की।
हारकर भी जीतता हूँ, जब बढ़े मुझसे तू आगे ।
सुप्रिया शर्मा
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