क्या ख्वाहिश है तेरी,
क्या किए जा रहा है,
तू अपनी खुशी को छोड़,
किसी और को खुश किए जा रहा है,
और, ऐसा नही चलता मेरे दोस्त,
जब तू रो रहा है हर कोई तुझे
छोड़ कर जा रहा है।।-
कुछ चित्रकारियां हैं जो मैंने तुम्हारे लिए बनाई थीं..
वो एक कोने में बंद हो के रह गई हैं...
शायद उन्होंने दम तोड़ दिया है...
वैसे ही,
जैसे हमारा रिश्ता।।-
के रो लूं मैं आज,
तुझे फिर भी कदर न हो।
चला जाऊं तुझे छोड़,
तुझे ज़रा भी खबर न हो।।-
मैने रोका नहीं मुझसे दूर जाने वालो को,
हमेशा दूर खड़े हो रास्ता दिया जाने का,
क्यूंकि जो देख नहीं सके मेरी आंखो में आग्रह,
उन्हें हक नहीं था मेरे पास रुकने का।।-
चंद महीनों का साथ था,
क्या कहूं की ये कैसा साथ था,
न मिलते तुम तो कितना अच्छा होता,
न रोते हम तो कितना अच्छा होता,
अब भूलूं कैसे तुम्हें के,
तुम तो भूल गए हो मुझे,
ये कैसा तेरा मिलना,ये कैसा तेरा साथ था।।-
बारिश
उस दिन बहुत तेज बारिश थी,
मैं भीग जाना चाहती थी,
मगर,
तुम्हारे प्यार की बारिश में।।
प्यार की बारिश तो न हुई,
मगर,
उसके बाद हर रोज़,
भीगते रहे हम तेरी याद की बारिश में।-
कि ये जो दर्द दिल में है,
तुझसे कभी दिखाया तो कभी छुपाया बहुत।
तेरे प्यार में खो कर ,
कभी खुद को सताया तो कभी रुलाया बहुत।।🙂-
वो सपने जो तुमने मुझे दिखाए थे ना,
एक वक्त के बाद तुम उन्हें किसी और के
साथ जीने लगे थे....
मगर पता है,मैं आज भी वो सपने लिए
वक्त की गिरफ्त मे वहीं खड़ी रह गई।।
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आज कल तुम याद बहुत आते हो,
ऐसा लगता है पास ही हो कही।
बाते तो बंद हो गई तुमसे,
मगर शायद मैं यादों में गुम हुं कहीं।-
तुम थाम लेना हाथ मेरा बस,
जब शाम कोई गम की होगी।
मै मान लूंगी हर बात,
जहां बात तुम्हारी खुशी की होगी।
तुम कह देना बेझिझक,
जब मन में बात कोई दफन होगी।
मै तब भी साथ दूंगी,
जब हर जंग तुम्हारी खुद से होगी।
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