supriya samal  
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Joined 21 June 2019


Joined 21 June 2019
21 JAN 2023 AT 20:47

ठीक है रो लेना,
अब रोते रोते पूरी ज़िंदगी मत नीकाल देना,
क्यों कि गिर कर उठना ओर आगे बढ़ना ही तो ज़िंदगी है ।।

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17 NOV 2022 AT 9:23

अब तो सुकून के तलास में है ,
ज़िंदगी तो यूंही चलती रहेगी !!

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8 NOV 2022 AT 9:13

तनाव भरा दिन,
रातों की नींद हराम और
लोगों की असली चेहरा
बोहत कुछ सिखाते है ।।🥀

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4 SEP 2022 AT 15:09

किसी ने पूछा तुम्हारा अपना कौन है ?
हमने भी जबाब देदिया वक़्त है !!
क्योंकि वक़्त अच्छा हो तो सब अच्छा है,
वरना अक्सर लोग तो बदल ते रहते है ।।

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2 MAY 2022 AT 11:08

....कॉलेज का आखिरी दिन....

ये हमेशा दुःख भरा माहौल होता है जब वो दिन आपके कॉलेज का आखिरी दिन होता है क्योंकि जिन दोस्तों के साथ हम हस्ते खेलते, घूमते है उनका साथ छूटने वाला होता है, जो अध्यापक हमको पढ़ाते, सिखाते है वो शायद ही कभी फिर से मिले। इस दिन से जिंदगी की अलग शुरआत होती है। सब लोग दूर हो जाते है कोई आगे पढाई करता है तो कोई नौकरी की तलाश, कोई व्यापार करता है तो कोई सलाहकार बनता है। हर कोई अपना रास्ता ढून्ढ कर आगे भिड़ जाता है लेकिन वो शरारत वाले दिन हर किसी को याद रहते है। कॉलेज का आखिरी दिन उस कड़वी दवा जैसी है जिसको हर किसी को पीना पड़ता है।

_ Supriya samal

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19 APR 2022 AT 12:49

लड़कियों की ज़िंदगी.............

हम लड़कियां है जनाब,
पापा के लाडली से ज़िमेदार बहु बन जाते है,
घर में तेरा मेरा करने वाली से हमारा कहना सीख जाती है लड़कियां।
पापा के आगे जिद करने वाली बेटी,
पूरा परिवार संभालने चली जाती है लड़कियां।
खुद के घर को पराया करके,
दूसरों के घर को संभालती हैं लड़कियाँ।
घर बदल जाता है,
परिवार बदल जाता है,
माँ बाप का हकदार भी बदल जाता है,
परायो को अपना बनाती है लड़कियां।
खुद के घर में भी मेहमान बनती है,
ससुराल में दूसरे घर की बेटी कहलाती है लड़कियां ।
हम लड़कियो का दायरे के बाहर उड़ान नहीं होती,
जितना सोचते है लोग लड़कियों की ज़िंदगी आसान नहीं होती।

- Supriya samal


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12 APR 2022 AT 8:48

Everyone says nobody understands me,
and that's just a sign that only you can understand you.

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20 FEB 2022 AT 12:04

अब तो ये आईना भी बोल पड़ा देख कर
कितने झूठे इंसान हो तुम,
जो हर वक़्त यूँही मुस्कुराते रहते हो,
हस हस के सब केहे जाते हो,
कैसे ये झूठी मुशकुराहत पर
अपनी ज़िंदगी जी लेते हो ।।

- सुप्रिया सामल

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30 DEC 2021 AT 12:00

Be your own sun shine and also share the brighten light with you own world.

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14 SEP 2021 AT 9:26

क्या है हिंदी..??
हिंदी हमारी मान है सम्मान है,
ये एक ऐसी भाषा है जिस से जुड़ी हमारी राष्ट्र का शान है।।
राष्ट्र की एकता अनुपम है हिंदी,
यह केबल भाषा नहीं राष्ट्र की पहचान है हिंदी ।।
नहीं करो अपमान इसका,
भारत की गौरवगान है हिन्दी।।

_ Supriya Samal


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