26 JUN 2019 AT 17:38

मिलते नहीं ये ज़मीं-आसमाँ,
जाहिर है सभी से ये हसीं-दास्ताँ,
टूटे बादल कई, बिखरी बारिश कहीं,
अधूरा ही रहा ये नमीं-कारवाँ..!!

- Baarish