मिलते नहीं ये ज़मीं-आसमाँ,जाहिर है सभी से ये हसीं-दास्ताँ,टूटे बादल कई, बिखरी बारिश कहीं,अधूरा ही रहा ये नमीं-कारवाँ..!! - Baarish
मिलते नहीं ये ज़मीं-आसमाँ,जाहिर है सभी से ये हसीं-दास्ताँ,टूटे बादल कई, बिखरी बारिश कहीं,अधूरा ही रहा ये नमीं-कारवाँ..!!
- Baarish