Supreet Singh   (Dr.Supreet G Singh)
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Joined 19 February 2018


Joined 19 February 2018
2 HOURS AGO

एक पत्ता भी शाख पर ज़िन्दगी का सबूत देता है
बिन पत्तों के टहनियाँ पेड़ के ठूठ होने का सबूत होती हैं

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9 HOURS AGO

इश्क़ अगर मुकम्मल होता तो मज़ा ना होता
ना होती कहानियां
ना कोई किरदार उस कहानी का मशहूर होता
ना कोई शायर होता ना होता कोई गम ज़माने में
ना होती कोई आँख नम ना आती तबाही कुबेर के ख़ज़ाने में
ये इश्क़ आया ही बरबाद करने को
ख़्वाबों का महल बनाने और जलाने को
फिर भी होता है ये ज़माने को
जलती है शमा राख करने परवाने को

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15 JUN AT 10:20

धीरज रखना
पापा से सीखा
दुख को सहना पर उफ्फ ना करना
पापा से सीखा
तनाव को परिवार की खुशियों से दूर रखना
पापा से सीखा
बच्चों के सुख को ख़ुद से ऊपर रखना
पापा से सीखा
अपनों के लिए सब सहना और उनकी खुशी में खुश रहना

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15 JUN AT 5:23

कदमों के निशान सबूत नहीं
की राही को मंज़िल मिल गई
ये निशान हैं कोशिश के
की हार नहीं मानी राही ने
"जोश और जज़्बा हो तो कामयाबी हासिल होगी"

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14 JUN AT 5:10

तुम बिन किसकी बात करें
तुमसे शुरू तुम ही पर ख़त्म
बस हर पल तुमको याद करें
जो बीते संग तुम्हारे पल
कुछ खट्टे कुछ मीठे
सब का अपना वजूद रहा
सब अपने में ख़ास रहे
क्या भूलें क्या याद करें
तुम सब में ख़ास बस तुम को याद करें
पहले भी तुम, अब भी तुम
हर दम बस तुम,बस तुम,बस तुम

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14 JUN AT 3:03

Your smile makes me insane in love.
Your sweetness sweetened my life.
Your fragrance blossoms my heart.
Honey, you taste like honey.
Your words are sugar-coated; sweetness drips from you.
I melt like hot chocolate when you hug me.

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14 JUN AT 1:06

तन्हाइयां चुभती हैं
तेरे बिन धड़कन भी रुकती है
याद तेरी सदा है साथ
तू आए तो प्यास बुझती है
नहीं तो जल बिन मछली जैसे जान तड़पती है

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13 JUN AT 7:12

कौन सा रास्ता तुम्हारी गली जाता है
मुझको तो हर राह में तू नज़र आता है
आँखों को बंद करूं तो तू है
खुली आँखों से भी सिर्फ़ तेरा चेहरा नज़र आता है

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13 JUN AT 7:07

खुले आसमान के तले
एक आज़ाद परिंदे से जीवन की चाह है
ना कोई रोक-टोक बस आजादी बे-पनाह हो
इतनी सी ख्वाहिश है
इतनी सी है आरज़ू
संसार की उलझनों में फंस कर रह गई है ज़िन्दगी
ना जाने कब होगी मंज़ूर ये दुआ
आस लगी है हर-सू

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12 JUN AT 22:07

Heart lost in love
Breath merged in yours.
Eyes stuck on you.
Body entangled with yours
You amalgamated with me;
rather, you took over me wholly
and we intermixed.
No space left uncovered;
you surrounded me from
every nook and corner.
Swift twists stop;
only slips remain.
Fell in a gorge to cover n hedges.

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