दिन ये मुक्कमल हो जाए।
अगर तेरी नज़र पड़ जाए।
मौहब्बत के लिए फिर ना वो दर-बदर हो जाए।
जिसको तु मिल जाए।
वो आंखों का गिराना और हंसते हुऐ उठाना।
ये अंदाजा है उनका।
फिर भी तुम गिरते हो तो सम्भल जाना।
बातों पे ना उनके ग़ौर किजिए।
हो सके तो काम कुछ और किजिए।
दिल भी चला जाएगा।
खुद को ना इतना मदहोश किजिए।
वो जहां होते हैं।
उनके पीछे करवा चलता है।
ना जाने कितनों का उनके पीछे दिल मचलता है।
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अभी रात का एक पहर ना बीता।
की उन्हें नींद आ जाती हैं।
आंखें थकी नहीं।
की वो थक जाती हैं।
अभी बातें शुरू नहीं होती।
की वो खत्म कर जाती हैं।
अभी मिलें जो फुर्सत के पल।
की वो मसरूफ हो जाती हैं।
ना जाने वो कैसे।
इस तहर कर पाती हैं।
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लफ्ज़ लरखराते हैं। आंखें शर्माती हैं
बात जब भी उनकी चलती है, मेरी सांसें घबराती है।
वो जो गुजरें यहां से दिल शरारतें करता है।
ये सिर्फ उनकी बातें करता है।
उनका ख्याल लिए।
मन यहां-वहां फिरता है।
उससे से छुपाकर,उसको चाहना।
बड़ा मुश्किल है, इस तहर का किरदार निभाना।
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वो साथ दे तो, शर्त रख देता है।
मन भर जाए, तो हाथ छोड़ ने का हुनर रख देता है।
अब उम्मीद करू क्या उससे।
जो हर बार रंग ढंग बदल लेता है।
समझ के परे है उसकी ये यारी।
ना जाने वो कैसे इस तहर से जी लेता है।
वो साथ दे तो, शर्त रख देता है।
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होशियारी दिखा दी हैं उन्होंने अपनी।
कुछ बातें बाता दी है उन्होंने अपनी।
मज़बूरीया गिनवा दी है उन्होंने अपनी।
अब साथ नहीं रह पाएंगे।
ये बात समझा दी हैं उन्होंने ने अपनी।-
संवेदनाएं जितनी कम होगी।
वेदनाएं उतनी कम होगी।
फिर किसी अज़ीज़ से बिछड़ के
ये आंखें नम ना होगी।— % &-
झूठे हैं वो लोग।
जो कहते हैं।
दिल के ज़ख्म भर जाते हैं,वक्त गुजर ने साथ।
यादें नहीं मिटती, किसी नए शक्श के आने के साथ।— % &-
इज्जत नहीं थी जिसको, जिसकी
उसको ये दिल दे बैठे।
एक बेवफा से हम प्यार कर बैठे।
और मजबूरियां रही होगी उसकी।
पर अपने गुरूर में उसको बदनाम कर बैठे।-
जल गया सब कुछ।
दिल बाकी।
बातें बाकी, यादें बाकी है।
उसके साथ गुजारी मुलाकातें बाकी है।
लबों पे खेलती हंसी की वो सौग़ाते बाकी है।
उसका रूठना, मेरा मनाना बाकी है।
साथ जो ना बीताया हमने ऐसे बहोत से बहाने बाकी है
ज़िन्दगी भर का साथ निभाना बाकी है।
वो नहीं मिल पाया मुझे इसका मलाल बाकी है।
जल गया सब कुछ।
बस अब एक दिल बाकी है-
सारी दुनिया घुम के,एक तेरी गली से गुजरना एक तरफ।
ज़िन्दगी में मिली सारी सौग़ातो मेंं, तेरा मिलना एक तरफ।
हजार लोगों की हजार बातों में तेरी हर एक बात एक तरफ।
दुनिया की नजरों में, मैं हूं नहीं पर तेरी नज़रों में होना एक तरफ।
दुनिया की सारी दौलत देख ना बदला वो मेरा ईमान एक तरफ और जो तुझे देख के बदल गया ये मेरा बेइमान ईमान एक तरफ।
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