आज के इस दौर में सिर्फ एक से,
मोहब्बत करने वाला इंसान।
या तो बेवकूप है या है फिर मसीहा।
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दिल को दिल की ही कहने दो यारों।
दिमागी नदी में ना बहने दो यारों।।
जब भी ये निकलेंगी लहू मांगेंगी,
तलवारें म्यान में ही रहने दो यारों।।-
हर पुष्प के आँचल में छुपे शूल नही होते।
हर उपवन के सारे पौधे, फूल नही होते।।
तुमने तो कह दिया पूरी दुनिया को बेवफा,
पर इक वन के सभी पेड़ बबूल नही होते।।
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हर जन्म तुमको चाहूंगा, इतनी मोहब्बत ज्यादा है।
हर हाल में तुमको पाऊँगा, अब ये मेरा इरादा है।।
मैं भले तेरी खुशियों में, शरीक होने ना आऊं प्रिय,
पर सदा अश्क पौछने आऊंगा, ये मेरा तुमसे वादा है।।-
गणतंत्र का होना है वास्तविक स्वतंत्रता,
स्वतंत्रता का सही अर्थ है गणतंत्र होना।-
तिरंगा जब ही खरीदना साहब,
जब कल भी इसे हाथ में,
थामे रखने की ताकत हो।-
बगियाँ नहीं सूखा करती है एक फूल के मुरझाने से। शायरी नहीं मरा करती है इक शायर के मर जाने से।।
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अगर जिस्म ही छू ना होता छू लेता,
मगर मुझे पहले, उसकी रुह छूना था।-
अगर जिस्म को छू ना होता छू लेता,
मगर मुझे यार उसकी रुह छूना था।-