अभी तो जनवरी है, नया नया साल है।
दिसंबर में पूछेंगे क्या हाल है...-
हम वो आखिरी पीढ़ी है, जिनके पास ऐसी मासूम माँ है जिनका.....
न कोई सोशल मिडिया पर अकाउंट है।
न फोटो, सेल्फी का कोई शौक है।
उन्हे ये भी नही पता की स्मार्टफोन का लॉक कैसे खुलता है।
जिनको ना अपनी जन्मतिथि का पता है।
उन्होंने बहुत कम सुख-सुविधा में अपना पूरा जीवन बिताया, बिना किसी शिकायत के।
जी हाँ, हम वो आखिरी पीढ़ी है, जिनके पास ऐसी माँ है.....-
खुशियों से नाराज है मेरी जिंदगी,
बस प्यार की मोहताज है मेरी जिंदगी,
हस लेता हु लोगो को दिखाने के लिए,
वैसे तो दर्द की किताब है मेरी जिंदगी-
कुछ बातें समझाने पर नहीं, बल्कि खुद पर बीत जाने पर ही समझ में आती है।
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कड़ी धूप में निकले हैं
तब भूभल से घबराना क्या?
सागर में जब कूदे तब
डूबे डूबे चिल्लाना क्या?
दुनियाँ में जब आयें हैं
तब दुःख से पिण्ड छुड़ाना क्या?
आफत ,चिन्ता ,मौत ,निराशा
से भगना भय खाना क्या?
मिले सफलता या असफलता
इस में मन उलझाना क्या?
आगे कदम बढ़ा देने पर
पीछे उसे हटाना क्या?
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सोचा नहीं था
वक़्त ऐसा भी आएगा
सब फ़ुरसत में होंगे
पर मिल नहीं पाएगा...🙁🙁-
जिन्होंने कतरा भर भी साथ दिया हमारा
वादा है
वक़्त आने पर दरिया लौटा देंगे उन्हें।।-