मुहब्बत की कोई जुबां नहीं होती
लेकिन ये बे जुबां नहीं होती
ढूंढ ही लेता है दिल राह ए इजहार
वरना यूंही हीर रांझे पर कुर्बां नहीं होती
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एक ही वक्त में दो जिंदगियों को जीता हूं मैं
मुस्कुरा कर गमों के प्यालों को पीता हूं मैं
ना सोचो तुम की पलकें मेरी कभी नम ना हुई
अपने अश्कों को निगाहों के भीतर ही सीता हूं मैं-
अरे जनाब
वक्त की चक्की में पिसने का शौक नहीं हमें
वो तो हमारी जिम्मेदारियों का एहसास है
जो हर रोज़ कमाने की दौड़ में घर से दूर चले आते हैं
दिखावे की जिंदगी पर ऐतबार नहीं ज़रा भी
बस एक मुस्कान जो देख लेते हैं अपनों के चेहरों पर
तो जमाने के सारे ऐशो आराम भूल जाते हैं
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बरसों लग जाते हैं अपना आशियां बनाने में
उन्हें इक पल ना लगा इसे जलाने में
आखिर होता क्या है हासिल ऐसी जंग से
क्या कोई कीमत नहीं जिंदगी की इस ज़माने में ?
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सब कहते हैं आप नहीं रहे
मैं जानता हूं आप हैं और सदा रहेंगे
मैंने जीवन का एक लंबा अरसा आपके साथ बिताया है
आपसे बहुत कुछ सीखा, बहुत कुछ पाया है
बचपन में उंगली पकड़ चलना सिखाया ये याद नहीं
लेकिन जीवन में कैसे चलना है आपने सिखाया है
जब भी सोचता हूं अब आप मेरे साथ नहीं
मैंने अपने अंदर आप को और करीब पाया है
कौन कहता है आप नहीं रहे
आप थे, हैं और सदा रहेंगे
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ना समझ है ये दिल मेरा
जो आज इसने धोखा खाया है
कैसे बताऊं दर्द मेरे हाल ए दिल का
एक अरसे के बाद किसी अपने ने जो रुलाया है-
मौत क्यों ना आए मुझे
जीने का अब शौक नहीं
मरने से सब डरते क्यों हैं ?
यहां नसीब में तो मौत नहीं-
एक तोहफा है कुदरत का, जीवन इसी का नाम है
हर सांस जिंदगी की रफ्तार को आगे बढ़ाने का पैगाम है
जो ये थम गई तो रुक जाता है, सालों से बढ़ता कारवां
देख सकें अपनों को अंत समय में, वो लम्हा मिलता हैं कहां
अचानक से ढल जाता है सूरज, और रात निकल आती है
जिस्म बन जाता है लाश जब सांस निकल जाती है
इसलिए कहता हूं हर सांस की कद्र करो
कौन बड़ा है कौन है छोटा, ना इस बात की फ़िक्र करो
हर सांस को ऊपर वाले ने बराबर का बनाया है
ये जो मन का मैल है इसे हमने खुद ही तो फैलाया है
बंद करो नफ़रत और भेदभाव का कारोबार
हर एक जीवन को दो बराबर का अधिकार
जिंदगी तो खुदा की बड़ी ही प्यारी सौगात है दोस्तों
गर इस बात को हम समझ गए तो क्या बात है दोस्तों
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वक्त गुजर जाता है, हर लम्हे के साथ
आना वाला पल, रह जाता अपने हाथ
एक पल की ही तो बात है यारों ये साल बदल जाएगा,
अगला पल संग अपने साल नया लाएगा
बीत गया जो साल सभी को खूब है पाठ पढ़ाया
उम्मीद का दामन थामे अब साल नया है आया
हंसो गाओ खुशियां मनाओ ये पल निकल ना जाए
दुआ करो पिछले साल के जैसा साल कभी ना आए
बात अभी बनी नहीं है पूरी फिर भी कोशिश करना है
पिछले साल से मिले जख्मों को धीरे धीरे भरना है
नए पल का नए साल का खूब जशन मनाओ
और अगले दिन से वापस काम पे फिर लग जाओ
वक्त का पहिया यूंही घूमा और सदा घूमेगा
नए साल के स्वागत में हर कोई झूमेगा
कोई काट रहा केक तो कोई बांटे मिठाई
नए साल कि आप सभी को बहुत बहुत बधाई
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हताश और मायूस होना बड़ा आसान है
गिरना और वापस ना उठना हार के निशान है
वक्त की ठोकर तो सभी को पड़ती है
जो ठोकर की परवाह ना करे वहीं अलग इन्सान है
वक्त की मार पड़ेगी, ज़िंदगी हर कदम पर लड़ेगी
डट कर सामना करना ही सफलता की पहचान है
और जो कठिन वक्त को मात दे आगे बढ़ जाए
वहीं इस दुनिया की नजर में एक सफल इन्सान है-