नमस्कार. ...मेरी एक कविता जो ....
मेरे जीवन को और भी खूबसूरत बनाती है
मैं अपने सभी दोस्तों को सुनाती हूँ
मैं house queen भी कहलाती. ..Business भी कर दिखलाया है
मैं artist हूँ सभी काम की ....जीवन जीना अब आया है
. जब सुबह का स्वागत करती हूँ ....मुस्कुरा के आगे बढ़ती हूँ
. जीवन के कितने रंगों को ....मैं कैनवास पर भरती हूँ
जब समय कभी मिल जाता हैँ. ......मैं कागज़ कलम उठाती हूँ
शब्दों के मोती चुन चुन कर. ..कविता मैं उन्हें सजाती हूँ
. कभी ताल से ताल मिलाकर ....नृत्य में खो जाती हूँ
. कभी सुर से सुर मिलकर ....गीतों में मग्न हो जाती हूँ
घर की हर ज़िम्मेदारी को .....बड़े प्यार से निभाती हूँ
Iइतने सारे अनुभववो में .....खुद को नहीं भुलाती हूँ
. जब जब अपना समय बचाती ....दोस्तों के संग बिताती जीवन भर की थकन मिटाती .....नयी उत्साह की लहर छा जाती
एक ही फंडा मैंने माना ....जीवन के रंग में रंग जाना
खूब हँसना और हँसाना ....खुशियाँ सभी में बाँटते जाना
. माँ पिता की में दुलारी ....बच्चों की मैं बड़ी ही प्यारी
. दोस्तों की चढ़ी खुमारी
. मैं सुनीता शर्मा .......आप सभी की आभारी
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हाथ पकड़ कर चल री सखी... बचपन की सेर करें
ख्वाइशें जो रह गई बाकी आज उन्हें पूरा करें
कदम मिलाकर चल री सखी...कुछ कदम आगे धरे
थोड़ा थोड़ा ज़मीन पर दौड़े... थोड़ी आसमान से बात करें
मन खोलकर चल री सखी. ..जीने की ज़िद की पूरी करें
थोड़ा रंग में रंग जाये.... थोड़े सपनों में रंग भरे
मुस्कान सजा कर चल री सखी ....वादों को भी पूरा करें
थोड़ा हँस कर जीना सीखे. ..कुछ खुशियों में रंग भरे
थोड़ा एहसासों को भी जी ले ...अपने होने का अहसास करें करो
happy women‘स day-
मैं बहती हुँ लहरों सी
तुम घने बादल से ठहरे
मैं धरा हूं ठहरी सी
तुम नयी सुबह हर दिन की
मैं हर संध्या सुनहरी सी
तुम हो मन की मौज उड़ाते
और मैं मन की पहरी सी
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गुलाबों की तरहा...हम सभी
जीते रहे.....मुस्कुराते रहे
बिखर कर भी....
अपनी खुसबू से...महकाते रहे
चाहे प्यार हो या परास्तिश
हम सभी अपना किरदार...
बखूबी निभाते रहे
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इश्क की नजर से देखा
इश्क पाने के लिए
इश्क में कभी डूबे
समंदर बन जाने के लिए
इश्क में इबादत कर बैठे
खुदा सा किसी को...
चाहने के लिए
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कुछ हासिल नहीं....
बस बेक़सूर लोग मारे जाते है
और न जाने कितने लोग बेघर हो जाते है
और न जाने कितने लोग...
अपनों को खोने के ग़म मे...
कही गुम हो जाते है
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You're trying to sneak
out of a social gathering
you didn't wanted to go to.-
25st अक्टूबर का.....
कुछ रंग बिखरे नए दोस्तों के आने से....कुछ रंग निखरे हमारे दोस्तों के मुस्कुराने से
खूबसूरत सी ये सुबह आयी......प्यारे दोस्तों को साथ लायी
फिर चला सिलसिला मुलाकातों का....और एक दुसरे से बातों का...
बातों ही बातों में कहीं भूल न जाए गीत को.....इसीलिए शुरू किया संगीत को.....
अभी निमी ने पिटारा खोला प्रीत का.....और नाम आया जीत का....
अब हुआ आगाज़ जीत का.....आओ मजा लेते हैं गीत का....
To be continue.....
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