Sunita Rastogi   (Sunita Rastogi)
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Instagram id -sunitarastogi18
Nature lover
Joined 29 September 2020


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YESTERDAY AT 8:33

किधर है मंज़िल, किधर है जाना
मस्त फिरता है यहाँ वहाॅं
यही है जिंद़गी
जी ले ज़िंदगी के दो चार पल
ज़िंदगी मिलेगी ना दोबारा

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30 APR AT 17:19

ख्वाबों की नगरी एक हकीकत है
कितनी सुहानी यह घड़ी है
जज्बातों की कहानी है
जज्बातों की खुमारी का नशा है
यह हमारा तुम्हारा किस्सा है

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30 APR AT 17:15

यदि हम दुख के डर से जीना छोड़ देंगे
तो खुशियाँ हम तक कैसे पहुॅंचेंगी

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30 APR AT 8:34

जबरदस्त साथी है
अकेले में आपका दोस्त
गम में आपका हमदम
खुशी में आपकी भागीदार
ना जाने कितने किरदार निभाती है
चस्का जो लग जाए तो
जिंद़गी भर साथ देती हैं

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27 APR AT 9:09

कोशिश बहुत की अपना बैलेंस संभालते हुए
मंज़िल की और अग्रसर होने की
लेकिन शायद पर ही प्रश्न चिन्ह लग गया है

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26 APR AT 16:48

मुझे अपने गुनाहों की अब फिक्र कहाँ
तेरा नाम लबों पर आते ही मैं पाक हो जाता हूंँ

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24 APR AT 9:29

यार रूकना
थोड़ी दूर चलना बाकी है
साथ तेरे यह रास्ता भी हो जाएगा आसान
तूफानों में भी इतना दम नहीं
कि खौफ़ हमको दिखा जाए
लोगों में भी इतना बल नहीं
कि मनोबल हमारा गिरा जाए
हमसे हमारी हिम्मत है
एक दूजे का आत्मविश्वास
बिजली ने भी शोर मचाया
मन का बल भारी है
आत्म मंथन ही जीवन का सार है
हाथ यूं ही थामे रखना
दूर चलना बाकी है।।।

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22 APR AT 10:47

बढ़ती हुई उम्र की दहलीज़ का खौफ़.....
मन के कोने में एक भय का खौफ़
अपने आप को हमेशा चौकन्ना रखना
हमेशा अपने को अपनों में घिरा रखना
बढ़ती उम्र की दहलीज़ का खौफ़......
सबको होता है
न जाने
किस घड़ी किस चीज की जरूरत पड़ जाए
बार-बार अपनी छड़ी पर हाथ फेरना
टॉर्च में सेंल है कि नहीं है फोन की बैटरी चार्ज है
पता नहीं कब जरुरत पड़ जाए
किसको फोन लगाने की
बढ़ती हुई उम्र की दहलीज़ का खौफ़.....
कमरे में कोई अचानक से आ जाए
थोड़ा सहम सा जाना
नहीं मैं तो अपना सब सामान चेक कर रहा था
सब करीना से है कि नहीं
कब मुझे क्या जरूरत पड़ जाए
बस में चेक कर रहा था
बढ़ती हुई उम्र की दहलीज़ का खौफ़ .....
.......मैं हूंँ ना पापा
एक तसल्ली भरा शब्द।।।। w

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21 APR AT 16:38

छई छपा छई छपाक छई
नन्ही नन्ही बूंद के बीच नन्हा सा दिल
मोतियों से बिखरती मासूमियत के पल
खिलखिलाती हंसी के बीच नन्हे से हम

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21 APR AT 16:07

बिछड़ कर फिर मिलेंगे हम अगर किसी मोड़ पर
तो पहचानोगे क्या
कुछ पल के लिए ही सही उस पल को
अपना मनोगे क्या?

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