Sunita Rastogi   (Sunita Rastogi)
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Instagram id -sunitarastogi18
Nature lover
Joined 29 September 2020


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6 HOURS AGO

कल पुराने पन्नों से फिर मुलाकात हुई
कुछ पुरानी बातों से रूबरू हुए
हर पन्ना एक कहानी बनकर
अभी सांसें ले रहा था
गुज़रे लम्हों की गूंज में
कुछ कह रहा था
कुछ पंक्तियां अधूरी सी थी
शब्दों की तलाश में भटक रही थीं
कुछ जज़्बातों से घिरे यादों के पन्ने
किसी खत की खुशबू से निकले अल्फ़ाज़
मन के किसी समंदर में यादों की भिनी सी महक
पुराने पन्नू में ही संजो कर
रह जाती हैं अतीत की यादें

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19 JUN AT 9:12

बहुत दिनों से कोई ज़ख्म नहीं मिला है
मेरे अपने कहां हैं
गुलज़ार

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13 JUN AT 9:38

ज़िंदगी तू बड़ी दग़ाबाज़ निकली
जाना था किस सफ़र पर पहुंचा दिया
किस जहां में
मेरे अपनों का तो ख़्याल रखा होता
उम्मीद का दामन थामे जो मेरी राह तक रहे थे
जिन्होंने खुशी से मुझे विदा किया था
अब मेरे कफ़न पर ही रो रहे हैं
कितना विनाशकारी खेल तूने रचा
शायद तेरा अपना इसमें कोई ना होगा
इसलिए तुझे सोचने में भी वक्त ना लगा
ज़िंदगी तू बड़ी दग़ाबाज़ निकली।

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12 JUN AT 8:55

कुछ पद चिन्हों में
इतनी ऊर्जा होती है कि
लोग उसे जन्म-जन्मांतर तक पूजते हैं

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11 JUN AT 17:13

कबीर खड़ा बाज़ार में देखे दुनिया के खेल
लोगों के दिमाग यहां कंप्यूटर से भी तेज
कब किसको कैसी टोपी पहननी, आते सबको खेल
माया के जंजाल में रोपे मन के जाल
खुद ही उसने फंस कर
चीखें बारंबार

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8 JUN AT 19:46

एहसास शब्दों में जान डाल
जज़्बात उसने भाव
प्यार उसे संवार कर
दिलों की गहराई में
उतर कर खूबसूरत से पल
का एहसास कराता है

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31 MAY AT 10:00

कुछ रुत मतवाली है
कुछ मैं मतवाला हूॅं
एक अंगड़ाई भरी सुबह में,मैं तन्हा
तेरी एक शाम चुरा लू
तुझे बुरा ना लगे
एक उम्मीद भरे दामन में
तेरी महक चुरा लू।

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30 MAY AT 18:42

तेरे हुनर के लिए अल्फ़ाज़ भी कम है
बस एक रुह का बसेरा है

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30 MAY AT 11:25

सदियों गुजारने थोड़ी आए हैं यहाॅं
ज़िंदगी
जो तू मुझे सिखाये जा रही है।

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28 MAY AT 20:16

जब भी कोई ज़ख्म मिलता है
हमारे अपनों का एहसास करा जाता है।

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