sunita Choudhary  
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Joined 23 March 2024


Joined 23 March 2024
6 OCT AT 7:41

प्यारी सी सूरत जो दिल में बस जाए
बाते तेरी हम सबको गुदगुदाएँ
ये चुलबुलापन और शरारतें
फिटनेस फिक्री और बड़े -बड़े वो सपने
सवालों की लंबी - लंबी कतारे
आइडियाज की अनगिनत बौछारें

पेपर से एक रात पहले की पढ़ाई
maths ने जब - जब तेरी नींदे उड़ाई
डॉगी हो , बिल्ली या गायों के बछड़े
इन सबको को रखने की जिद्दे तुम्हारी
ये मासूमियत और बचपना
करुणा भरा दिल और होठों की हंसी
सपनों का जहां , अपनो का प्यार
सलामत रहे सदा यूँही मेरे वीरा

तुम होते घर में तो घर , घर लगता है
हो भले छोटे पर याद पहले आते
मां -पापा और हम बहनों में तारे
बिल्कुल दुआओ से हो हम सबकी
खुशियाँ तेरी है अमानत हम सबकी
मुबारक हो तुमको ये जन्मदिन 15वाँ
आने वाला हर पल हो खुशनुमा🤗

-sunita Choudhary


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3 OCT AT 0:49

इकलौती चीज
जिससे तुम्हे फर्क पड़ेगा
और बहुत ज्यादा पड़ेगा
वो है मेरी तुमसे ज्यादा
सफलता काबिलियत
वो तुम्हारे लिए
असहनीय होगी यकीनन
जैसे मेरे लिए तुम रहे
सिर्फ इसलिए
मुझे हर हाल मे वो चाहिए
चाहे रातों को जगना पड़े
या बहुत कुछ सहना पड़े
मैं तुम्हें नहीं भूलाना चाहती
बिना ये महसूस कराएँ
कि तुमने मुझे कैसा महसूस कराया...


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2 OCT AT 22:57

सुनो...
मेरे पास ऐसा कुछ भी नही
जिसे मैं miss करू
तुम्हारे ना रहने पर..
तुमने मेरे मन पर
बेरुखी के अलावा
कुछ भी तो नही छोड़ा
अब वहीं बार -बार
मेरी आँखों से आँसू बन
बह जाती है...

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1 OCT AT 21:09

एक वक्त बाद
वक्त तो होता है लेकिन
इंसान थक जाता है
उन भावों को ढोते - ढोते
शब्द बोझ बन जाते
अंत में वो चुनता है व्यस्तता
इतनी ज्यादा व्यस्तता
कि कोई ख्याल दस्तक ना दे पाएँ...
उनके खालीपन मे...

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25 SEP AT 17:57

हर दफा हम कोशिश करते है
निस्वार्थ भाव से
गलतियों को स्वीकारते हुए
इंसानियत को बचाने की
एक सार्थक बदलाव की
भविष्य को सुधारने की
खुद से पहले गैरों का सोचते
अक्सर ही होते है छलनी
क्यूँ ना अब
थोड़ा गौर खुद पर करे
अपना व्यवहार बदले
हर एक इंसान
डिजर्व नही करता
तुमसे सम्मान...

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21 SEP AT 15:08

प्यार अपने सपनों से
भरोसा अपनी मेहनत पर
संघर्ष अपने याद रख
गुरुर अपनी उड़ान पर
समझौता कभी ना ऊसूलो से
तोड़कर अपनी सीमाएँ
हर दिन कदम बढ़ाते चल....


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21 SEP AT 14:52

टूटना मंजुर किसे...
झुकना मंजुर किसे....
हारकर हम बैठ जाएँ
सपनों को अपने भूल जाएँ
संघर्ष को वीराम दे
आराम को स्वीकार ले
दर्द सारा बहा दे
ये समझौता मंजुर किसे....?

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21 SEP AT 14:45

ए मेरे ख्वाब
मुझे खास बनकर
आम होता है
तोड़कर अपनी सीमाएं
असंभव को संभव
करना है

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21 SEP AT 14:37

एक ख्वाब बुना ,एक राह चुनी
अब हर दिन वही सताता है
उस राह का अंत न आता है...

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8 SEP AT 22:36

प्रेम है या नही
पता नही....
तुम्हारे लिए मेरे हृदय मे
असीम सहानुभूति हमेशा रहती है

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