Sunishchal Kumar Chaubey  
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अहिंसा परमो धर्म:,धर्म हिंसा तथैव च:।
Joined 5 August 2020


अहिंसा परमो धर्म:,धर्म हिंसा तथैव च:।
Joined 5 August 2020
14 NOV 2020 AT 9:49

पर्व है यह प्रकाश का,
अंधकार के विनाश का।
दीयों से रौशन जंहा का,
मिठाईयों से सजी थाल का।
सुख-समृद्धि की वृद्धि का,
रंगोली की सुंदर सजावट का।
कुम्हार के संर्घष विराम का,
परिजनों से मेल मिलाप का।
माता लक्ष्मी और गणेश जी,
के पूजन-अर्चन का।
किसानों,जवानों को फिर से,
दिल से धन्यवाद कहने का।

सभी को दिपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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7 OCT 2020 AT 12:23

ज़िन्दगी आपको यह मौका तो नहीं दे सकती कि आप पीछे जाकर अपने अतीत में की हुई गलतीयो को ठीक कर सको।
लेकिन यह मौका जरूर देती है कि आप अपने आज को पिछले दिन से बेहतर बना सको।

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20 SEP 2020 AT 14:37

,
कभी असफल होना।
तो मेहनत का,
कभी ना साथ छोड़ना।

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17 SEP 2020 AT 14:49

मोदी जी कि बात ही निराली है,
व्यक्तित्व ऐसा इनका प्रभावशाली है,
राम मंदिर, ट्रिपल तलाक, धारा 370,
और नागरिकता संसोधन कानून जैसे,
समस्याओं का निदान करना आसान ना था,
ऐसे बड़े फैसलो को लेने की क्षमता,
और किसी के पास ना था।

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16 SEP 2020 AT 21:27

उनको हम
जिन्हें दिलों-जान
से चाहते रहे।
वक़्त का पहिया
चलता गया
और हम हाथ
मलते रहे।

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16 SEP 2020 AT 15:31

,
मिलकर रहे सब एक साथ।
और करे अपने देश का विकास,
तभी तो रहेगा हमेशा अपना भारत महान।

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16 SEP 2020 AT 15:15

यूं भागो मत,
थोड़ा ठहर जाओ।
जिंदगी की इस भाग-दौड़ में,
कुछ पल फ़ुर्सत से बैठ जाओ।

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16 SEP 2020 AT 14:16

Hope is like
Our true friend.
It's gives
Us support in difficult situation.

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14 SEP 2020 AT 14:17

हिंदी हमारी शान है,
हिंदी हमारी जान है,
हिंदी में ही भावना है,
हिंदी में ही जज़्बात है,
हिंदी हमारा अभिमान है,
हिंदी हमारा स्वाभिमान है,
हिंदी से है अस्तित्व हमारा,
हिंदी से हमारी पहचान है।

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12 SEP 2020 AT 11:54

,
फिर भी बिखर जाते हैै कुछ रिश्ते।
ताउम्र कोशिश करते है,
फिर भी पीछे छूट जाते है कुछ रिश्ते।

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