कितनी अजीब-सी बात है,
और कितना गहरा सच भी...
कि सुख के लम्हे तक पहुँचते-पहुँचते,
हम उन सब लोगों से जुदा हो जाते हैं
जिनके साथ हमने दुःख झेलकर, सुख का स्वप्न देखा था....
— निर्मल वर्मा
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Sunil Vijay
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Joined 18 May 2017
6 JUL AT 18:49
6 JUL AT 18:22
नाराज़गी कभी इतनी लंबी नहीं होनी चाहिए,
कि इंसान गुज़र जाए और नाराज़गी रह जाए
- रद्दी डायरी
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25 MAR 2023 AT 11:10
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे,
जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों.!
-सुनील विजयवर्गीय-
14 AUG 2022 AT 20:53
उन बेवकूफों को आजाद कराना मुश्किल है...
जो अपनी जंजीरों की इज्जत करते हैं...!!
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2 APR 2022 AT 21:22
कोई शहर था जिसकी एक गली
मेरी हर आहट पहचानती थी.
मेरे नाम का एक दरवाजा था.
एक खिड़की मुझे जानती थी..!
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19 MAR 2022 AT 8:52
ना खुद को स्वपन से मिला सके
ना उसके आस पास आ सके
उसी के रंग में रंगे है पर
उसे ही रंग ना लगा सके...-